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महाराष्ट्र सरकार के गठन को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर जाने क्या है संजय राउत की प्रतिक्रिया

संजय राउत महाराष्ट्र सरकार के गठन को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर जाने क्या है संजय राउत की प्रतिक्रिया

नई दिल्ली: महाराष्ट्र सरकार के गठन को लेकर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद शिवसेना नेता संजय राउत ने प्रतिक्रिया दी है. संजय राउत ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि सत्य परेशान हो सकता है, पराजित नहीं. उन्होंने हिंदी में दो ट्वीट किए हैं. पहले ट्वीट में केवल ‘सत्य मेव जयते’ लिखा है. वहीं दूसरे ट्वीट में लिखा है, ‘सत्य परेशान हो सकता है, पराजित नहीं हो सकता. जय हिंद!!’ वहीं, महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को बुधवार को ही शक्ति परीक्षण सुनिश्चित कराने और कोई गुप्त मतदान नहीं होने देने के उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर राकांपा ने मंगलवार को कहा कि सत्यमेव जयते और “भाजपा का खेल खत्म” हुआ.

राकांपा के प्रवक्ता नवाब मलिक ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ट्वीट किया, ‘सत्यमेव जयते, भाजपा का खेल खत्म.’ कोर्ट ने निर्देश दिया है कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के लिए महाराष्ट्र विधानसभा में अपना बहुमत साबित करने की खातिर विश्वास मत बुधवार को ही होगा. साथ ही शीर्ष अदालत ने राज्यपाल कोश्यारी को भी निर्देश दिया कि सदन के सभी निर्वाचित सदस्यों को बुधवार को ही शपथ दिलाई जाए. यह पूरी प्रक्रिया शाम पांच बजे तक खत्म होनी चाहिए. न्यायालय ने कहा कि विधानसभा में गुप्त मतदान नहीं होगा.

वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने कहा, ‘हम जीतेंगे.’ सोनिया गांधी ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, ‘हम फ्लोर टेस्ट जीतेंगे’. 

महाराष्ट्र में सरकार गठन पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए कहा कि बुधवार शाम पांच बजे से पहले फ्लोर टेस्ट करवाया जाए. कोर्ट ने कहा कि लोकतांत्रिक मूल्य स्थापित करने के लिए कोर्ट हैं और कोर्ट और संसदीय कार्यवाही के बीच बाउंड्री की जरूरत है. कोर्ट ने कहा कि फ्लोर टेस्ट की वीडियो रिकॉर्डिंग और लाइव टेलीकास्ट हो और यह सीक्रेट बैलेट से नहीं होगा. कोर्ट ने प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति के भी आदेश दिए

कोर्ट ने कहा कि इसमें अभी तक शपथ नहीं हुई है, कल शाम पांच बजे से पहले विधायकों की शपथ हो और फिर फ्लोर टेस्ट करवाया जाए. जस्टिस रमना ने कहा कि कोर्ट और विधायिका के अधिकार पर लंबे समय से बहस चली आ रही है. लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा होनी चाहिए. लोगों को अच्छे शासन का अधिकार है.

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