अयोध्या। सीएम योगी इस वक्त 9 घंटे के मैराथन दौरे पर रामनगरी का जायजा ले रहे हैं। लेकिन इसके पीछे बस दो खास कारण हैं। पहला रामजन्मभूमि और दूसरा बाबा रामचन्द्र दास परमहंस का दिगम्बर अखाड़ा। बतौर सीएम योगी ने जब पहली बार अपने गोरक्षपीठ गोरखपुर का रूख किया तो अयोध्या से कुछ संतों को भी उस आयोजन का निमंत्रण भेजा गया था। उसमें थे इस अखाड़े के वर्तमान महंत सुरेश दास।
इस अखाड़े से सीएम योगी का सम्बन्ध अपने गुरू के जीवन काल से ही रहा है। जब 90 के दशक में महंत अवैद्यनाथ और बाबा रामचन्द्रदास परमहंस ने रामजन्मभूमि आदोलन की अलख जगाई तब से गोरक्षपीठ और दिगम्बर अखाड़े में खासा रिश्ता बन गया। योगी की महंथी से लेकर अवैद्यनाथ की अंतिम यात्रा हो या बाबा रामचन्द्र दास परमहंस की पुण्यतिथि रही हो कभी योगी अयोध्या तो कभी यहां से महंत सुरेश दास गोरक्षपीठ जाते रहे हैं।
बाबा रामचन्द्र दास परमहंस के प्रतिनिधि के तौर पर निशेन्द्र मोहन मिश्र का कहना है कि गोरक्षपीठ ौर दिगम्बर अखाड़े का सम्बन्ध बाबा के जीवन काल से ऐसा बना जो निरंतर चलता आ रहा है। दोनों संप्रदाय के लोग आपस में एक दूसरे के आयोजनों में आते जाते रहे हैं। योगी आदित्यनाथ का कार्यक्रम जब भी अयोध्या हुआ तो वो दिगम्बर अखाड़े जरूर आते रहे हैं। बाबा थे तो उनसे मिलने और अब बाबा को याद करने आते हैं।
वैसे सीएम योगी का हिन्दुत्व का चेहरा और भाजपा का राममंदिर को अपने एजेन्डे में रखना इसके साथ ही कल योगी का बाबरी विध्वंस मामले में आरोपी भाजपा और विहिप के शीर्ष नेताओं से मिलना ये सब भाजपा और राममंदिर के साथ योगी का अब अयोध्या आना विपक्ष एक साथ करके देख रहा है।