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लव जिहाद कानून को सासंद एसटी हसन ने बताया पॉलिटिकल स्टंट, जानें मुस्लिम से क्या अपिल की

b9f355b8 ceda 49c7 898b 2deb7f9f7480 लव जिहाद कानून को सासंद एसटी हसन ने बताया पॉलिटिकल स्टंट, जानें मुस्लिम से क्या अपिल की

मुरादाबाद। लव जिहाद को लेकर देश के अलग-अलग हिस्सों में राज्य सरकारों द्वारा कानून पास किए जाने की तैयारियां चल रही हैं। वहीं उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने लव जिहाद कानू को पास करा लिया है। जिसमें 10 साल की कैद और 25 हजार के जुर्माने का प्रावधान है। इसी बीच लव जिहाद पर पास हुए कानून को लेकर मुरादाबाद से सपा सांसद एसटी हसन का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि लव जिहाद को एक पॉलिटिकल स्टंट है। साथ ही उन्होंने मुस्लिम लड़कों से सभी हिंदू लड़कियों को अपनी बहन मानने की अपील की है। डॉ. एस.टी. हसन ने कहा कि यह लव जिहाद एक पॉलिटिकल स्टंट है। हमारे देश में लोगों को अपनी मर्जी से अपना पार्टनर चुनने का अधिकार है। हमारे ही देश में हिंदू तो मुसलमानों से शादी करते हैं। इसके साथ ही मुसलमान भी हिंदुओं साथ शादी करते हैं।

जानें लव जिहाद कानून को लेकर सांसद एसटी हसन क्या कहा-

बता दें कि उत्तर प्रदेश में लव-जिहाद और धर्मांतरण की घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए योगी सरकार ने एक कानून बनाया है। मुरादाबाद से समाजवादी पार्टी के सांसद डॉ. एस.टी. हसन ने लव जिहाद को एक पॉलिटिकल स्टंट बताया है। इसी के साथ उन्होंने कहा कि हमारे देश में लोगों को अपनी मर्जी से अपना पार्टनर चुनने का अधिकार है. हमारे ही देश में हिंदू तो मुसलमानों से शादी करते हैं। इसके साथ ही मुसलमान भी हिंदुओं साथ शादी करते हैं. अगर आप ऐसे मामलों की तह में जाएंगे तो आपको पता चलेगा कि शादियां खुशी-खुशी होती हैं। यहां पर जब बातें बिगड़ जाती हैं तब वो आरोप लगाना शुरू कर देते हैं कि लड़का मुसलमान था। मैं मुस्लिम लड़कों से गुजारिश करूंगा कि हिंदू लड़कियों को अपनी बहन मानें। नहीं तो सरकार उन्हें प्रताड़ित करेगी। किसी बहकावे में न आएं. अपनी जिंदगी बचाएं. उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने मंगलवार को ‘उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश, 2020’ को मंज़ूरी दे दी है। इस क़ानून के अनुसार ‘जबरन धर्मांतरण’ उत्तर प्रदेश में दंडनीय होगा। इसमें एक साल से 10 साल तक जेल हो सकती है और 15 हज़ार से 50 हज़ार रुपए तक का जुर्माना।

राज्यपाल की सहमति के बाद यह अध्यादेश लागू होगा-

इसी के साथ ही शादी के लिए धर्मांतरण को इस क़ानून में अमान्य क़रार दिया गया है। राज्यपाल की सहमति के बाद यह अध्यादेश लागू हो जाएगा। इस अध्यादेश के अनुसार ‘अवैध धर्मांतरण’ अगर किसी नाबालिग़ या अनुसूचित जाति-जनजाति की महिलाओं के साथ होता है तो तीन से 10 साल की क़ैद और 25 हज़ार रुपए का जुर्माना भरना पड़ेगा। यही नहीं, यदि पाया गया कि धर्मांतरण जबर्दस्ती, उत्पीड़ित करके या धोखे से किया गया है तो अपराध गैर-जमानती होगा। इसके साथ ही इसमें एक यह भी प्रावधान है कि अगर दो व्यस्क अलग-अलग धर्म में विवाह करना चाहते हैं तो उन्हें जिलाधिकारी को इसकी पूर्व सूचना देनी होगी।

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