कोलकाता। पश्चिम बंगाल में सियासी पारा हाई है। पश्चि बंगाल में विधानसभा चुनाव होने हैं और विधानसभा चुनावों से पहले ही सियासी पार्टियों ने अपनी कमर कसनी शुरु कर दी है। एक तरफ तृणमूल कांग्रेस से नेता छिटक रहे हैं वहीं दूसरी तरफ बीजेपी अपनी जमीन मजबूत करने मे जी जान से लगी है। बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के लिए सत्ता बचाने की चुनौती है तो वहीं दूसरी तरफ बीजेपी के लिए बंगाल के लोगों का विश्वास जीतना आसान नहीं है। वहीं चुनाव से पहले कई नेता टीएमसी का साथ छोड़ रहे हैं। वहीं कुछ भाजपा का दामन भी थाम चुके हैं।
इसी राजनीतिक घमासान के बीच ममता बनर्जी को एक और झटका लगा है। पूर्व कैबिनेट मंत्री राजीव बनर्जी ने शुक्रवार को विधायक पद से इस्तीफा दे दिया है। वे इससे पहले 22 जनवरी को ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली सरकार से कैबिनेट मंत्री के पद से इस्तीफा दे चुके हैं। उन्हें ममता ने राज्य के वन मंत्री की जिम्मेदारी सौंपी थी।
राजीव बनर्जी ने कैबिनेट मंत्री के पद से इस्तीफा देते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भेजे अपने त्याग पत्र में लिखा था, ‘पश्चिम बंगाल के लोगों की सेवा करना बहुत सम्मान और सौभाग्य की बात है। इस अवसर को पाने के लिए मैं दिल से आभार व्यक्त करता हूं और सभी को धन्यवाद देता हूं।’
विधायक पद से इस्तीफा देने के बाद राजीव ने कहा, ‘मैंने आज विधायक पद से इस्तीफा दे दिया। मैं अभी भी पार्टी का सदस्य हूं। लेकिन मैं अभी तक मानसिक रूप से कोई कदम उठाने के लिए तैयार नहीं हूं। मेरा मानना है कि लोगों के लिए अच्छा करना, गतिशील लोकतंत्र में पार्टी की संबद्धता आवश्यक है। मैं आपको आने वाले दिनों में अपने निर्णय के बारे में बताऊंगा।’