पश्चिम बंगाल में गुरुवार को बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर हमला हुआ. जिसके बाद इस हमले पर संज्ञान लेते हुए केंद्र ने सोमवार को एक बैठक बुलाई गई है. लेकिन पश्चिम बंगाल के पुलिस प्रमुख, मुख्य सचिव और आला अधिकार केंद्र की तरफ से बुलाई गई इस बैठक में शामिल नहीं होंगे. आपको बता दें ये बैठक राज्य की कानून व्यवस्था पर चर्चा के लिये बुलाई गई है.
पश्चिम बंगाल सरकार ने क्या कहा?
बंगाल सरकार की तरफ से केंद्र सरकार को एक पत्र भेजा गया है. जानकारी के मुताबिक उस पत्र में कहा गया है कि मुख्य सचिव और डीजीपी केंद्रीय गृह सचिव की ओर से बुलाई गई बैठक में शामिल नहीं हो पाएंगे. साथ ही पत्र में ये भी बताया गया है कि इस घटना पर पहले ही जांच की जा रही है.
राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने नड्डा के काफिले पर हमले के मामले में केंद्र को रिपोर्ट भेजी है. गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल के चीफ सेक्रेटरी और डीजीपी को 14 दिसंबर को तलब किया था.
तृणमूल कांग्रेस ने बैठक को असंवैधानिक करार दिया
तृणमूल कांग्रेस पहले ही केंद्र सरकार की इस बैठक को असंवैधानिक करार दे चुकी है. तृणमूल कांग्रेस की तरफ से कहा गया है कि कानून-व्यवस्था राज्य का विषय है और ममता सरकार इस मामले की जांच में जुटी है.
बता दें कि दक्षिण 24 परगना में जेपी नड्डा के काफिले पर हमला हुआ था. जिसके बाद जेपी नड्डा ने कोलकाता के डायमंड हार्बर में कहा था कि कैलाश विजयवर्गीय जी, राहुल सिंहा जी को देखिए, इनकी गाड़ियों को देखिए. मैं तो इसलिए सुरक्षित हूं क्योंकि मेरे पास बुलेट प्रूफ गाड़ी थी. वरना आज कोई ऐसी गाड़ी नहीं थी जिस पर हमला न हुआ हो. जानकारी के मुताबिक, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा की कार पर बड़े पत्थर फेंके गए थे, जिसके लिए उन्होंने टीएमसी कार्यकर्ताओं को जिम्मेदार ठहराया था.