लखनऊ: कोरोना महामारी से निपटने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ा आदेश दिया है। सीएम योगी ने कहा है कि कोई भी अस्पताल मरीज को वापस नहीं करेगा। अगर सरकारी अस्पताल में बेड नहीं है तो मरीज को निजी अस्पताल में भेजा जाएगा। इसका पूरा खर्च राज्य सरकार वहन करेगी। ये जानकारी अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल ने राज्य सरकार के हवाले से दी है।
राजधानी में बेड का चल रहा भीषण संकट
बता दें कि राजधानी लखनऊ में सरकारी अस्पतालों में बेड का भीषण संकट चल रहा है। वहीं निजी अस्पतालों में भी स्थिति कमोबेश यही है। सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में बेड की कमी के कारण मरीज लौटाए जा रहे हैं। अस्पतालों में आक्सीजन की भी कमी देखने को मिल रही है। जगह जगह अस्पतालों में नोटिस चस्पा किए जा रहे हैं।
कोरोना काल में मची है त्राहि-त्राहि
कोरोना के इस भीषण संकट में हर तरफ त्राहि त्राहि मची है। कोरोना के भीषण विस्फोट के काऱण राजधानी लखनऊ में मरीजों की जैसी बाढ़ सी आ गई है। हर तरफ मरीजों को एडमिट कराने की मारामारी चल रही है। फिर भी मरीज लौटाए जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त सोर्स लगाने पर भी मरीजों को बेड नहीं मिल रहा है।
सीएम योगी पल-पल की ले रहे खबर
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इन्हीं समस्याओं को देखते हुए खुद कोरोना पाजिटिव होते हुए लगातार मीटिंगें कर रहे हैं। सीएम योगी हर खबर की पल पल की नजर रख रहे हैं। सीएम योगी ने पहले ही साफ कर दिया है कि न तो अस्पतालों में बेड की कमी है और न ही आक्सीजन की।
सीएम योगी ने अभी हाल ही में कहा था कि आक्सीजन सिलेंडर की कालाबाजारी और जमाखोरी चल रही है जिससे नकली तरीके से आक्सीजन की कमी हुई है। उन्होंने जमाखोरी करने वाले लोगों पर रासुका लगाने का भी निर्देश दिया था।