महाराष्ट्र। कोरोना महामारी के चलते पूरे देश में सरकार द्वारा पूर्ण लॉकडाउन लगा दिया गया था। इसके साथ ही देश के सभी प्रसिद्ध मंदिरों को बंद कर दिया था। लॉकडाउन खुल जाने के बाद अब मंदिरों को अब धीरे-धीरे शर्तो के साथ खोला जा रहा है। इसी के साथ साईं बाबा मंदिर को भी खोला जा रहा है। जिसके चलते साईं बाबा संस्थान ने साईं दर्शन के लिए आने वाले भक्तों से अपील की है कि दर्शन के लिए तंग कपड़ों में न आएं। साईं ट्रस्ट ने अपील की है कि भक्त दर्शन के लिए शिरडी जाते समय भारतीय पोशाक पहनें। साईं संस्थान ने मंदिर परिसर के साथ-साथ प्रवेश द्वार पर भी सूचना वाले बोर्ड लगाए हैं। जो श्रद्धालु तंग कपड़े पहनते हैं, उन्हें सुरक्षा गार्ड गेट से ही वापस लौटा रहे हैं।
शिरडी के ग्रामीणों ने इस निर्णय का स्वागत किया-
बता दें कि शिरडी देश और विदेश के लाखों भक्तों के लिए आस्था का स्थल है। हर दिन हज़ारों भक्त साईं को नमन करने शिरडी पहुंचते हैं। कई श्रद्धालुओं ने संस्थान के साथ शिकायत दर्ज कराई थी कि जो श्रद्धालु तंग कपड़े पहनकर दर्शन के लिए आते हैं, उन्हे रोका जाए। पिछले 10 सालों से इस पर सिर्फ अटकलें ही लगाई जाती रही हैं, लेकिन अब केवल भारतीय पोशाक पहने हुए भक्तों को ही जाने की अनुमति दी जा रही है। शिरडी के ग्रामीणों ने संस्थान के इस निर्णय का स्वागत किया है। शिरडी आने वाले भक्तों ने भी संस्थान के निर्णय का स्वागत किया है। श्रद्धालुओं का कहना है कि शॉर्ट कपड़े पहन कर घूमने के लिए बहुत जगह है। मात्र धार्मिक स्थल पर जाते समय संस्कृति का ध्यान रखना चाहिये। साईं बाबा संस्थान के मुख्य कार्यकारी अधिकारी कान्हुराज बगाटे ने कहा है की पोशाक के संबंध में निर्णय अनिवार्य नहीं है, लेकिन तंग कपड़े पहने हुए भक्तों को रोका जा रहा है। जिससे भक्तो में नाराजगी है।
पोशाक निर्णय के संबंध में भक्त नाराज-
हालांकि, कुछ भक्तों को इस फैसले का खमियाजा भुगतना पड़ रहा है। सुरक्षा गार्ड श्रद्धालुओं जो शॉर्ट्स पहने हैं, उन्हे गेट पर ही रोक रहे हैं। भक्तों का कहना है कि अचानक निर्णय लेने की बजाय, उन्हें कुछ दिन पहले सूचना देनी चाहिए थी। तो वहीं साईं संस्थान के मुख्य कार्यकारी अधिकारी कान्हुराज बगाटे ने इन सभी नियमों के बारे में अधिक जानकारी दी। उन्होंने कहा कि हम केवल सुझाव, अनुरोध और अपील कर रहे हैं। हमने भक्तों से दर्शन के लिए आने पर भारतीय परिधानों में आने की अपील की है। ना सख्ती की है और ना ही कोई ड्रेस कोड लागू किया है।