इंदौर। मध्यप्रदेश में अच्छी मॉनसूनी बारिश का दौर जारी रहने से सरदार सरोवर बांध के डूब क्षेत्र में आने वाले चार जिलों में नर्मदा का जल स्तर लगातार बढ़ रहा है और एक स्थान पर तो यह नदी खतरे के निशान से चार मीटर ऊपर बह रही है। इसके बावजूद बांध परियोजना से प्रभावित आबादी की बड़ी तादाद इस नदी के किनारों की अपनी मूल बसाहटों में अब भी डटी है।
नतीजतन प्रशासन ने आपातकालीन तैयारियां करने के साथ ही इन लोगों से अपील की है कि वे परियोजना का डूब क्षेत्र खाली कर सुरक्षित स्थानों पर चले जायें। सरदार सरोवर बांध गुजरात में नर्मदा नदी पर बना है। अधिकारियों के मुताबिक बारिश के कारण इस बांध के बैक वाटर का स्तर बढ़ने पर मध्यप्रदेश के बड़वानी, धार, अलीराजपुर और खरगोन जिलों के उन इलाकों के आंशिक रूप से जलमग्न होने का खतरा है, जो नर्मदा के किनारों पर बसे हैं।
प्रदेश सरकार के नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण (एनवीडीए) के एक अधिकारी ने “पीटीआई-भाषा” को बताया कि बड़वानी जिले के राजघाट गांव में नर्मदा का जलस्तर खतरे का निशान पार करते हुए बुधवार शाम छह बजे की स्थिति में 127।40 मीटर पर पहुंच चुका है। इस गांव में खतरे का निशान 123।28 मीटर पर है।
चश्मदीद लोगों ने बताया कि नर्मदा का जलस्तर बढ़ने से बड़वानी और धार जिलों के जोड़ने वाला राजघाट गांव स्थित पुराना पुल डूब गया है। प्रशासन सावधानी के रूप में इस पुल पर लोगों को आवा-जाही पहले ही रोक चुका है। हालांकि, इससे कुछ दूर स्थित अपेक्षाकृत ऊंचे पुल पर डूब का खतरा नहीं है।
इस बीच, इन्दौर संभाग के आयुक्त (राजस्व) आकाश त्रिपाठी ने बताया कि चारों जिलों में बांध के डूब क्षेत्र में बसे लोगों से गुजारिश की जा रही है कि नर्मदा का जलस्तर लगातार बढ़ने के मद्देनजर वे सुरक्षित स्थानों पर चले जायें। डूब क्षेत्र के बाहर स्थायी पुनर्वास स्थल और अस्थायी टीन शेड काफी पहले बनाये जा चुके हैं।