Breaking News featured देश भारत खबर विशेष राज्य

राजधानी में वेस्ट टू एनर्जी प्लांट शुरू, उप मुख्यमंत्री बोले- जब सीएम IIT पढ़ें हो तो होता है तकनीक का इस्तेमाल

eae3f59f d76e 4655 8f47 6d0bedd6d91f राजधानी में वेस्ट टू एनर्जी प्लांट शुरू, उप मुख्यमंत्री बोले- जब सीएम IIT पढ़ें हो तो होता है तकनीक का इस्तेमाल

नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में प्रदूषण की समस्या हमेशा बनी रहती है। नवंबर-दिसंबर के महीने में पूरे शहर में प्रदूषण के कारण धुंध छाई रहती है। जिसके चलते आज राजधानी में वेस्ट टू एनर्जी और खाद बनाने का प्लांट शुरू हो रहा है। यहां गाजीपुर मंडी से निकलने वाले कूड़े से रोज बिजली बनाई जाएगी। जिसका उद्धाटन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने किया। इस मौके पर उनके साथ दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी मौजूद रहे।

कूड़े से बनाई जाएगी बिजली-

बता दें कि आज से वेस्ट टू एनर्जी और खाद बनाने का प्लांट शुरू हो रहा है। मंडी के कूड़े से रोज बिजली बनाई जाएगी। दिल्ली देश की राजधानी है और उस लेवल की सफाई भी होनी चाहिए। दिल्ली में कूड़े के 3 पहाड़ बन गए हैं. ये प्लांट 15 टन कूड़े से 1500 यूनिट बिजली बनाएगा। इस तरह के छोटे छोटे वेस्ट टू एनर्जी प्लांट पूरी दिल्ली में लगाये जाएंगे। हमारी कोशिश है कि दिल्ली का ज़रा सा भी कूड़ा पहाड़ों पर न जाये बल्कि उसकी रिसाइक्लिंग हो। वरना कूड़े के पहाड़ और ऊंचे हो जाएंगे। वहीं उद्घाटन में मौजूद उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा, “कूड़े से बनी बिजली घर घर पहुंचेगी और कूड़े से निजात भी मिलेगी। कूड़ा न फैले ऐसी कल्पना नहीं कर सकते, लेकिन कूड़े का पहाड़ बनाये या कूड़े की बिजली बने यही गवर्नेंस है। मुख्यमंत्री जब IIT से पढ़े हों तो तकनीक का इस्तेमाल भी भरपूर होता है। कूड़े को ख़त्म करने की ज़िम्मेदारी निगम की है, लेकिन दिल्ली की गलियों में फैले कूड़े को ख़त्म करने में नगर निगम फेल रही है। जब निगम फेल हुआ तो मंडी प्रशासन ने जिम्मेदारी उठाई है। सभी मंडियां ज़ीरो कूड़ा फेंकने वाली मंडियां बनेंगी।

प्लांट की ये हैं खास बातें-

वहीं प्लांट की ज़िम्मेदारी ग्रीनब्रिक इको सॉल्यूशन्स के पास है।  ग्रीनब्रिक के एमडी पवन अग्रवाल ने बताया, “जितने भी प्लांट वेस्ट एनर्जी के लगते हैं, वह बहुत बड़े होते हैं और उसमें पूरा का पूरा कूड़ा जला दिया जाता है, लेकिन इस प्लांट में टेक्नोलॉजी अलग है।  इसमें जो ऑर्गेनिक कूड़ा यानी गीला कूड़ा है, जिसे सबसे ज्यादा प्रदूषण होता है, उससे बिजली बनाई जाएगी।  जो गीला कचरा आएगा, वह प्रोसेस होकर दो चीज में कन्वर्ट होगा, एक तो गैस बनेगी जो पावर में कन्वर्ट होगी और दूसरा जो लिक्विड फ्रेक्शन होगा।  उससे कंपोस्ट यानि खाद बनेगी।  इसमें प्रदूषण का कोई पॉइंट नहीं हैं। इसके इंजन से बिना कार्बन डाइऑक्साइड रिमूव करें H2S अलग करके पावर में कन्वर्ट करते हैं।  यह 15 टन का पावर प्लांट है, इसको साढ़े 7 टन के दो डाइजेस्टर में डिवाइड किया गया है।  ताकि अगर कम वेस्ट हो तो एक ही डाइजेस्टर चालू करेंगे। 15 टन को कन्वर्ट करने में 30 दिन का समय लगेगा। इसके अतिरिक्त इसमें BARC (भाभा अटॉमिक रिसर्च सेंटर) की निसर्गुना टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया है।

Related posts

‘हर नागरिक हो वैक्‍सीनेट’ का टारगेट लेकर मैदान में डटे बरेली के महानगर भाजपा महामंत्री प्रतेश पांडेय    

Shailendra Singh

बस्तीः ऑपरेशन क्लीन के तहत चार बदमाश हुए गिरफ्तार, एनकाउंटर में दो सिपाही और दो बदमाश घायल

Shailendra Singh

पुरानी रंजिश के चलते दो सगे भाइयों की चाकू से गोदकर हत्या, पुलिस ने किया एक आरोपी को गिरफ्तार

Ankit Tripathi