हाजीपुर। बिहार के वैशाली जिले की एक अदालत ने शुक्रवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के खिलाफ वारंट जारी किया है। मामला वर्ष 2012 में योगगुरु रामदेव के खिलाफ विवादित बयान देने का है। हाजीपुर व्यवहार न्यायालय के अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी-13 के न्यायाधीश नीरज कुमार ने कांग्रेस के नेता दिग्विजय सिंह के खिलाफ वर्ष 2012 में दायर एक परिवाद पत्र की सुनवाई करते हुए सिंह के खिलाफ वारंट जारी किया है।
उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश के इंदौर की एक सभा में दिग्विजय सिंह ने कहा था कि बालकृष्ण बाबा रामदेव के सहयोगी हैं और बाबा रामदेव के सभी राज जानते हैं। ऐसे में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से बचने के लिए बाबा रामदेव अपने सहयोगी बालकृष्ण की हत्या करवा सकते हैं।
दिग्विजय ने यह बात पतंजलि ब्रांड के स्वामी बाबा रामदेव के गुरु शंकर देव को रहस्यमय ढंग से गायब कर दिए जाने सहित अन्य आपराधिक मामलों के संदर्भ में कही थी। दिग्विजय के इस बयान के बाद वैशाली जिला मुख्यालय हाजीपुर निवासी बाबा के एक समर्थक अजीत कुमार ने सात अगस्त 2012 को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में दिग्विजय सिंह के खिलाफ एक परिवाद पत्र दाखिल किया था।
अजीत सिंह के अधिवक्ता श्याम किशोर ठाकुर ने कहा कि परिवाद पत्र में दिग्विजय सिंह के इस बयान से बाबा के कई समर्थकों की भावनाएं आहत करने का आरोप लगाया गया है। ठाकुर ने बताया कि इस मामले पर सुनवाई करते हुए अदालत ने पहले संज्ञान लिया था और सुनवाई के बाद 11 सितंबर, 2014 को दिग्विजय सिंह के खिलाफ सम्मन जारी किया था।
समाचार पत्र ‘द हिंदू’ के मुताबिक, उत्तराखंड में बाबा रामदेव के खिलाफ कुल 81 मामले दर्ज हैं।