अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए विश्व हिन्दू परिषद सभी 543 सांसदों से मुलाकात करेगी। मुलाकात का समय वीएचपी ने 25 नवंबर से 9 दिसंबर तक निर्धारित किया है। सभी सांसदों से मुलाकात कर राम मंदिर के निर्माण को लेकर कानून बनाने पर समर्थन मांगा जाएगा। विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) चाहती है कि आगामी शीतकालीन सत्र में इस पर सांसदों के समर्थन से कानून पास हो जाए।
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मिली खबर के अनुसार 11 दिसंबर से संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने जा रहा है। इसमें कई प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। इसी बीच विश्व हिंदू परिषद ने राम मंदिर के निर्माण को लेकर अध्यादेश लाने और कानून बनाने की मांग को रफ्तार दी है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने 25 नवंबर को अयोध्या, नागपुर और बेंगलुरु में जनाग्रह रैली निकालने का फैसला किया है। इस रैली का मकसद अयोध्या में राम मंदिर बनाने के लिए जनता का समर्थन जुटाना है।
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आरएसएस ने रैली निकालने का फैसला ऐसे वक्त में किया है जब सुप्रीम कोर्ट ने बाबरी मस्जिद-राम जन्मभूमि जमीन विवाद पर सुनवाई को जनवरी 2019 तक के लिए टाल दिया है। आरएसएस के अंबरीश कुमार ने मीडिया से कहा कै कि इस रैली में पांच से 10 लाख लोगों के शामिल होने की संभामना है। अंबरीश ने बताया कि इस रैली में शामिल होने वाले लोगों से राम मंदिर निर्माण को लेकर राय मांगी जाएगी।
इलाहाबाद हाईकोर्ट का 2010 का फैसला
गौरतलब है कि ‘राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद’ पर इलाहाबाद हाईकोर्ट के 2010 के फैसले के खिलाफ 14 याचिकाएं लगाई हैं। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने फैसले में 2.77 एकड़ विवादित जमीन को निर्मोही अखाड़ा, सुन्नी वक्फ बोर्ड और रामलला के बीच बराबर-बराबर बांटने का फैसला किया है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने इन याचिकाओं पर सुनवाई को अगले वर्ष जनवरी तक के लिए टाल दिया है।