लखनऊ। कोरोनावायरस से बचने के लिए वैक्सीन की दूसरी डोज लेने वालों पर अभी तक वायरस जानलेवा नजर नहीं आया है। खास बात यह है कि आईसीयू में गंभीर मरीज तो पहुंच रहे हैं लेकिन अभी तक डबल डोज लेने वाले नहीं आए हैं।
चिकित्सा विशेषज्ञ भर्ती होने वाले मरीजों के बारे में यह भी जानकारी रख रहे हैं कि उन्हें वैक्सीन रोज कितने दिन पहले लगी है। वहीं दूसरी डोज लेने के बाद वायरस की चपेट में आने वाले चिकित्सा विशेषज्ञ खुद को पहले से बेहतर महसूस कर रहे हैं। उनका यह भी कहना है कि वायरस की चपेट में आने के बाद कोई खास तकलीफ नहीं हुई है।
एसजीपीजीआई को राजधानी को राजधानी कोविड हॉस्पिटल बनाया गया है। यहां पूरे प्रदेश से मरीज रिफर हो करके आ रहे हैं। इन दिनों आईसीयू में 70 मरीज भर्ती हैं। इसी तरह केजीएमयू के आईसीयू में 102 मरीज भर्ती हैं जबकि लोहिया संस्थान में 20।
केजीएमयू के संक्रामक रोग यूनिट के नोडल प्रभारी डॉक्टर डी हिमांशु का कहना है कि अभी तक आईसीयू में भर्ती होने वाले मरीज में कोई भी ऐसा मरीज नहीं आया है जो वैक्सीन की डबल डोज ले चुका हो।
फिलहाल भर्ती होने वाले मरीजों का यह भी डाटा तैयार किया जा रहा है कि वे वैक्सीन की डोज ले चुके है या नहीं। लेकिन वह यह भी दोहराते हैं कि अभी सामान्य लोगों तक दूसरी डोज नहीं लग पाई है। ऐसे में वैक्सीन के असर का आकलन कुछ समय बाद ही हो पाएगा।
लोहिया संस्थान के प्रभारी डॉ पीके दास का कहना है कि अभी मरीज भर्ती हो रहे हैं। 2 माह तक होने वाली सभी मौत और गंभीर मरीजों के डाटा का मूल्यांकन करने के बाद ही स्थिति साफ होगी।
वह बताते हैं कि टीका लगने के 45 दिन तक लोगों को अपना खास ख्याल रखने की जरूरत है। जिन लोगों ने वैक्सीन की पहली डोज ले ली है। उन्हें बिना लापरवाही बरते दूसरी खुराक भी जरूर लेनी होगी।
पहली खुराक इंसान के शरीर में एंटीबॉडी के उत्पादन शुरू करती है। जबकि, दूसरी डोज शरीर में एंटीबॉडी के स्तर को बनाती है और उसके स्तर को बनाए रखती है।
दूसरी डोज लेने के बाद वायरस का असर हुआ कम
मैंने कोवैक्सीन की दोनों डोज लगवाई है। दूसरी डोज लिए 45 दिन का समय हो चुका है। संक्रमित होने के बाद उस तरह की तकलीफ नहीं हुई जैसा कि वैक्सीन ना लेने वाले लोग बता रहे थे। सामान्य बुखार था। 2 दिन बाद कम होने लगा है। अस्पताल जाने की जरूरत नहीं पड़ी। टीका लगवाने वाले भी लगातार मास्क का प्रयोग करते रहें।
मैंने कोविशिल्ड वैक्सीन लगवाई थी। करीब 40 दिन से ज्यादा समय हो चुका है। पूरी सावधानी बरतते रहे लेकिन वायरस की चपेट में आ गए। अस्पताल जाने की नौबत नहीं आई है। अब पहले से बेहतर महसूस हो रहा है। बुखार भी खत्म हो गया है। जो लोग टीका लगवा रहे हैं वह भी पूरी तरह से सावधानी बरतें क्योंकि एंटीबॉडी बनने में समय लगती है।
मैंने 16 जनवरी को पहला टीका लगवाया था और फिर दूसरी डोज भी ली। वैक्सीन लगवाने का यह कतई मतलब नहीं है कि पॉजिटिव नहीं होंगे। टीकाकरण के बाद भी वायरस की चपेट में आ सकते हैं, लेकिन अब तक जो भी मरीज सामने आए हैं उनमें किसी की भी हालत गंभीर नहीं हुई है। मैं और मेरी पत्नी अब पूरी तरह से ठीक हैं। होम आइसोलेशन में रहकर सभी काम निपटा रहे हैं।