बांग्लादेश में दुर्गा पूजा पंडालों और मंदिरों पर हमले के बाद राजधानी ढाका और नोआखाली में प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हिंसक झड़पें हुईं। ये झड़पें ढाका के पाल्टन के बैतुल मुकर्रम मस्जिद और ककरैल इलाक़े में और नोआखाली के चौमूहनी में जुमे की नमाज़ के बाद हुईं। साथ ही ऐसी रिपोर्टें भी सामने आई हैं कि नोआखाली के बेगमगंज के चौमूहनी में हिंदू समुदाय के घरों और दुकानों को निशाना बनाया गया है। ज़िले के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने पुष्टि की है कि इसमें जतन कुमार साहा नाम के व्यक्ति की मौत हुई है।
बता दें कि ढाका में प्रदर्शन के दौरान ‘मलिबाग़ मुस्लिम समाज’ के पोस्टर लोगों ने ले रखे थे. वहीं चौमूहनी में हुए प्रदर्शन में ‘तौहिदी जनता’ के पोस्टर थे। एक रिपोर्ट के अनुसार, प्रदर्शनकारी भारत विरोधी नारे लगा रहे थे और हसीना पर ‘नई दिल्ली से बहुत क़रीब होने का’ आरोप लगा रहे थे। कोमिल्ला ज़िले में क़ुरान का कथित तौर पर अपमान करने के ख़िलाफ़ ढाका और चौमूहनी में प्रदर्शन किए जा रहे थे। जो हिंसक हो उठे।
कोमिल्ला में बुधवार को एक पूजा पंडाल में क़ुरान का कथित तौर पर अपमान की बात के बाद से कोमिल्ला और चांदपुर समेत देश के कई हिस्सों में मंदिरों और पूजा पंडालों पर हमले हुए थे। नोआखाली के बेगमगंज में एक पूजा पंडाल में आग और चांदपुर के हाजीगंज में झड़प के कारण कम से कम चार लोगों की मौत हुई है।
वहीं सरकार ने स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए देश के 22 ज़िलों में बीजीबी सुरक्षाबलों को तैनात किया है। गुरुवार को प्रधानमंत्री शेख़ हसीना ने वादा किया था कि इस घटना के लिए ज़िम्मेदार लोगों को सज़ा दी जाएगी।