नई दिल्ली। विधानसभा चुनाव में बीजेपी के लगातार जीत हासिल करने के बाद विपक्षियों को बीजेपी को घेरने के लिए कुछ और नहीं मिला तो उन्होंने ईवीएम को लेकर ही घमासान मचाना शुरू कर दिया। असल में EVM की काबिलियत पर सबसे पहला सवाल उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती ने उछाला। जो मायावती चुनाव परिणाम के पहले ‘हाथी’ पर सवार होकर दोबारा सत्ता में काबिज होने का सपना देख रही थीं, वो तब हतप्रभ रह गईं, जब 403 सीटों के लिए हुए चुनाव में उनकी बहुजन समाज पार्टी केवल 19 सीटों पर ही सिमटकर रह गई, जबकि बीजेपी ने 325 सीटों पर कब्जा जमाया। मायावती ने इस करारी हार का ठीकरा इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन के सिर फोड़ा।
बता दें कि मायावती ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों के सॉफ्टवेयर में छेड़छाड़ की गई है वरना बीजेपी को इतनी ज्यादा सीटें नहीं मिलतीं, जो खुद उसने भी नहीं सोची थी। इसके बाद भाजपाई मायावती पर टूट पड़े और उनका यह कहकर मजाक उड़ाया कि ‘खिसियानी बिल्ली खंबा’ नोंचे। सोशल मीडिया पर भी मजे से ‘खिसियानी बिल्ली’ छाई रही और लोग अपने-अपने तरीके से तर्क देते रहे। ईवीएम को लेकर काफी बवाल मचा। ईवीएम लेकर सिर्फ यूपी में ही नहीं बल्कि दिल्ली से लेकर लखनऊ तक मचा। गोवा और पंजाब में हार से नाराज आम आदमी पार्टी और यूपी की हार से बैखलाई बसपा प्रमुख मायावती आवीएम के विरोध में खुलकर समाने आ गए हैं।
वहीं दोनों की पार्टियों की कहना है कि ईवीएम से छेड़छाड़ गई है। केजरीवाल की मानें तो पंजाब की हार उनकी समझ से परे हैं। वहीं लखनऊ में कांशीराम की जयंती पर मायावती ने भी अपनी हार का ठीकरा ईवीएम में गड़बड़ी पर फोड़ा। मायावती ने मतपत्रों के जरिये दोबारा चुनाव कराने की मांग को दोहराते हुए कोर्ट में जाने की चेतावनी दी है। ईवीएम में गड़बड़ी को लेकर केजरीवाल केंद्र सरकार पर हमलावर नजर आए। उन्होंने आरोप लगाया कि ईवीएम में आप के वोट बीजेपी और अकाली दल को ट्रांसफर हुए हैं। केजरीवाल ने कहा कि इस चुनाव में कांग्रेस को 38.5 फीसद, अकाली को 30.6 फीसद आप और लोक इंसाफ को 24.9 फीसद वोट मिले हैं। ईवीएम को लेकर और भी कई तरह का बवाल मचा।