कासगंज। उत्तर प्रदेश के कासगंज में कानून व्यवस्था की गणतंत्र दिवस के दिन उड़ी धज्जियां तीसरे दिन भी जारी रही। रविवार की सुबह उपद्रवी तत्वों ने एक दुकान को आग के हवाले कर दिया। बीते 3 दिनों से लगातार जिले में हिंसक वारदातें हो रही है। हिंसा और आगजनी की घटनाएं रूकने का नाम नहीं ले रही हैं। सूत्रों की माने तो घटना के पीछे राजनीतिक साजिश की बू भी आ रही है। सूत्रों की माने तो तिरंगा यात्रा के दौरान कुछ जगह पर भड़काऊ नारेबाजी औऱ भाषण हुए जिसके बाद ये हिंसा भड़क उठी।
दो समुदायों के बीच इस कदर ये हिंसक वारदात हुई कि पथराव के बाद गोलीबारी भी होने लगी। इस हिंसक वारदात के चलते एक युवक की जान चली गई। तो वहीं कई लोग और पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। पूरे जिले में पीएसी और आरएएफ के जवान तैनात कर दिए गए हैं। जिले की इंटरनेट सेवाओं को रोक दिया गय़ा है। इसके साथ ही ड्रोन कैमरों की मदद से इलाके का जायजा लिया जा रहा है। लेकिन हिंसक वारदातें थमने का नाम नहीं ले रही है। एडीजी समेत उच्च अधिकारी लगातार जिले की स्थितियों पर निगरानी रखे हुए हैं।
इस मामले में 50 से अधिक लोगों की अब तक गिरफ्तारी की जा चुकी है। घटना को राजनीतिक रंग भी दिया जा रहा है। यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस घटना के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि है यह घटना दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है। कासगंज में जल्द ही अमन और चैन का माहौल कायम होना चाहिए। प्रशासन की ओऱ से इस मामले को लेकर विशेष टीम का गठन किया गया है। लगातर उपद्रवी तत्वों की गिरफ्तार किया जा रहा है।