गोवा। भाजपा की गठबंधन सहयोगी दल एमजीपी ने राज्यसभा चुनाव में बीजेपी का समर्थन करने के लिए अपनी सहमति दे दी है जिसके बाद भाजपा के राज्यसभा उम्मीदवार विनय तेंदुलकर की जीत बहुत स्पष्ट दिखाई दे रही है। एमजीपी और गोवा फॉरवर्ड दल के पास तीन-तीन विधायक हैं जबकि 12 विधायक भाजपा के हैं। इसके साथ ही तीन स्वतंत्र विधायक भी हैं, जो भाजपा व एमजीपी के साथ है।
इस तरह 38 सदस्यों वाली विधान सभा में कुल 21 विधायक भाजपा और उनकी सहयोगी पार्टी एमजीपी व निर्दलीय को लेकर हो गए है जिससे विनय तेंदुलकर की जीत आसान दिखती है। हालाँकि विधानसभा में कुल विधायकों की संख्या 40 है लेकिन दो विधायकों के इस्तीफा दे देने के बाद फ़िलहाल यह संख्या 38 हो गयी है।
एमजीपी के अध्यक्ष दीपक धवलीकर के अनुसार राज्यसभा चुनाव के लिए उनकी पार्टी भाजपा को समर्थन तो दे रही है मगर 2019 के लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी स्वतंत्र होकर अपने दम पर चुनाव लड़ेगी। एमजीपी के सूत्रों ने बताया कि शनिवार को हुई पार्टी की केंद्रीय समिति की बैठक में तीन प्रस्तावों पर फैसले लिए गए है जिसमें यह भी तय किया गया है
कि पार्टी वालपोई और पणजी विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में होने वाले उपचुनावों में अपना उम्मीदवार खड़ा नहीं करेगी धवलीकर ने स्पष्ट किया कि पणजी और वालपोई उपचुनावों में उम्मीदवार नहीं खड़ा करने के पीछे उनकी पार्टी का उद्देश्य यह है कि राज्य सरकार को स्थिरता मिल सके।