अहमदाबाद। गुजरात में नवगठित रुपाणी सरकार के गठन के 60 घंटे बाद पहली मंत्रिमंडल की बैठक में मुख्यमंत्री और उपमुख्य मंत्री चार घंटे बाद आए जहा बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष जितु वाघानी भी इस बैठक में पहुंचे थे लेकिन पत्रकार वार्ता के दौरान उन्होंने बताया कि मैं बैठक में नहीं था |रात को प्रथम कैबिनेट बैठक के बाद सीएम रुपाणी, उप-मुख्यमंत्री नितिन पटेल और प्रदेश अध्यक्ष जितु वाघानी ने पत्रकार वार्ता में जानकारी दी।
बता दें कि सीएम रुपाणी ने पास गृह, अर्बन डेवलपमेंट अपने पास रखा। उप-मुख्यमंत्री नितिन पटेल को मार्ग-मकान,आरोग्य ,नर्मदा, विभाग आवंटित किये गए। पिछली सरकार में अर्बन डेवलपमेंट जेसा भारी विभाग नितिन पटेल के पास था। जो इस बार स्वयं सीएम रुपाणीने अपने पास रखा। गुजरात में निजी स्कूल के फ़ीस मामले सरकार की जीत हुई इसलिए पिछली सरकार में शिक्षा मंत्री भूपेन्द्रसिंह चुडासमा को यथावत रखा गया है। हालाकि महत्वपूर्ण वित्त और उर्जा मंर्त्रालय सौरभ पटेल को दिया गया। जिनके ऊपर पहले उर्जा मंत्री रहते हुए भ्रस्टाचार के आरोप लगे थे। सौरभ पटेल रिस्ते मे अम्बानी परिवार के दामाद है।
वहीं शाम 5 बजे को स्वर्णिम संकुल -1 के कैबिनेट कक्ष में, मंत्रियों को उत्साह में आकर बैठ गए। लेकिन मुख्यमंत्री के निवास पर मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के बीच खातों को साझा करने के मुद्दे पर एक लंबी बैठक थी । मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री 7 बजे तक कैबिनेट की बैठक में नहीं आए । इससे मंत्रियों में भारी असंतोष और अपमानजनक स्थिति उत्पन्न हुई । 26 दिसंबर को, मुख्यमंत्री रूपाणी सहित कैबिनेट सदस्यों के पद की शपथ हुई थी । शपथ के पूरा होने के बाद, खातों के आवंटन के बजाय कुछ मंत्रियों को कार्यालय आवंटित हो गया । इसलिए मंत्रियों विभाग के बिना कार्यालय में बैठे । बीजेपी के सूत्रों के मुताबिक, यह मुद्दा खाता के आवंटन में उठे और मामला हाईकमांड के पास में पहुंच गया।