स्पेशल कोर्ट ने आज मुंबई में शराब कारोबारी विजय माल्या को भगोड़ा वित्तीय अपराधी घोषित किया है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के द्वारा स्पेशल कोर्ट में लगाई अर्जी के तहत हुआ है। माल्या को धन शोधन निरोधक अधिनियम (पीएमएलए) के तहत बने स्पेशल कोर्ट ने वित्तीय अपराधी घोषित किया।
मालूम हो कि भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम (एफईओए) के तहत विजय माल्या का नाम देश के पहले भगोड़े आर्थिक अपराधी के रूप में दर्ज हुआ है। बता दें कि इस कानून में जांच एजेंसियों को एफईओए के तहत दर्ज अपराधी की सारी संपत्तियां जब्त करने का अधिकार है। कर्नाटक, इंग्लैंड और कई जगहों की विजय माल्या से जुड़ी संपत्तियां ईडी जब्त कर सकता है।
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गौरतलब है कि इससे पहले ईडी के वकील और सीनियर अधिवक्ता हितेन वेनगांवकर ने बताया कि एफईओए नया कानून है। इस कानून के दायरे में जांच एजेंसियां विजय माल्या की सभी प्रॉपर्टी जब्त कर सकती हैं। प्रॉपर्टी चाहे अपराध क्षेत्र के अंदर हों या बाहर इसका कोई मतलब नहीं है। आर्थिक भगोड़ा घोषित होने पर माल्या को ब्रिटेन से प्रत्यर्पित करने में भी मदद मिलेगी।
मालूम हो कि स्पेशल कोर्ट माल्या की सभी अर्जियां पहले ही खारिज कर चुका है। पीएमएलए कोर्ट ने भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम (एफईओए) की धारा 2एफ के तहत माल्या के खिलाफ अपना फैसला सुनाया है। इस कानून के अनुसार जो व्यक्ति अपराध करने के बाद देश छोड़ गया हो और जांच के लिए कोर्ट में हाजिर न हो रहा हो और उसके खिलाफ गैर-जमानती वॉरंट जारी हो चुका हो। लेकिन विदेश भागने के कारण वह हाजिर न हो रहा हो, उसे भगोड़ा आर्थिक अपराधी मान जा सकता है।
बता दें कि मार्च 2016 में ब्रिटेन भाग गए विजय माल्या पर कई बैंकों के नौ हजार करोड़ रुपए गबन करने का आरोप है। बैंकों का कर्ज न चुकाने के मामले में वे भारत में आरोपी है। माल्या ने मुंबई हाई कोर्ट के फैसले को शीर्ष अदालत में चुनौती दी है। मनी लॉन्ड्रिंग मामलों की विशेष अदालत में माल्या को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करने के ईडी की अर्जी लगाई थी। इस पर रोक लगाने के लिए माल्या ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। इस याचिका को हाईकोर्ट ने हाल ही मं खारिज कर दिया था। विशेष अदालत भी माल्या की अर्जी खारिज कर चुकी है।