उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू 31 अक्टूबर से 6 नवंबर 2018 तक तीन अफ्रीकी देशों की यात्रा पर सुबह रवाना हुए। नायडू एक सप्ताह की अपनी यात्रा के दौरान वे बोत्सवाना, जिम्मबाब्वे और मलावी जायेगें। जहां वे तीनों देशों के राष्ट्राध्यक्षों से बातचीत करेंगे। व्यापारियों से मिलेंगे और भारतीय समुदाय को संबोधित करेंगे।उनकी यह यात्रा इस बात को दर्शाती हैं कि भारत सरकार अफ्रीका को वरीयता प्रदान करती है।और भारत के स्थिर और नियमित संपर्क बढ़ाने के प्रयासों का हिस्सा है।
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बता दें कि उपराष्ट्रपति के साथ उच्चस्तरीय संसदीय शिष्टमंडल भी जा रहा है। जिसमें सामाजिक न्याय राज्यमंत्री और अधिकारिता मंत्री कृष्णपाल गुर्जर और चार संसद सदस्य शामिल है।उपराष्ट्रपति आज शाम बोत्सवाना की राजधानी गैबोरॉन पहुचेंगे। और 13वीं वार्षिक ग्लोबल एक्सपो का उद्घाटन करेंगे। इस प्रदर्शनी में भारत की आर्थिक और औद्योगिक क्षमता प्रदर्शित करने के लिए पहली बार 25 भारतीय कंपनियां भाग ले रही हैं।
गौरतलब है कि 1 नवंबर को नायडू बोत्सवाना के उपराष्ट्रपति स्लम्बर त्सोगवाने के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता में भाग लेंगे। वे बैसागो विश्वविद्यालय में बैसागो कन्वेंशन सेंटर में भारतीय समुदाय को संबोधित करेंगे। सोमवार,5 नवंबर को उपराष्ट्रपति भारत मलावी व्यापार बैठक में भाग लेंगे। बाद में वे मलावी के राष्ट्रपति पीटर आर्थर मुथारिका के साथ बातचीत करेंगे।बोत्सवाना राजदूतावास की प्रभारी चेनेसानी और जिम्बाब्वे के राजदूत लोवेमोर बेबे उपराष्ट्रपति को नई दिल्ली के लिए विदा करेंगे।
इस दौरे में 2 नवंबर को उपराष्ट्रपति भारत-बोत्सवाना राउंटेबल बैठक में हिस्सा लेंगे। वे दोनो देशों के व्यापारियों और निवेशकों के साथ भी बातचीत करेंगे। नायडू जिम्बाब्वे की राजधानी हरारे के लिए रवाना होने से पहले बोत्सवाना गणराज्य के राष्ट्रपति मोगवीत्सी एरिक कीबेत्सी से भेंट करेंगे।शनिवार, 3 नवंबर को उपराष्ट्रपति जिम्बाब्वे के राष्ट्रपति एमर्सन मनंगाग्वा से भेंट करेंगे और बाद में वहां के उपराष्ट्रपति जनरल (सेवानिवृत्त) डॉ. कोस्टैंटिनो के साथ बैठक करेंगे। दोनो उपराष्ट्रपतियों की बैठक में कुछ समझौतों पर हस्ताक्षर होने की संभावना है।