राष्ट्रपति चुनाव के बाद अब उपराष्ट्रपति चुनाव इन दिनों सुर्खियों में छाया हुआ है। शनिवार को होने वाले उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए सभी ने अपनी कमर कस ली है। एनडीए की तरफ से उप राष्ट्रपति उम्मीदवार एम वेंकैया नायडू और विपक्ष की तरफ से उपराष्ट्रपति उम्मीदवार गोपाल कृष्ण गांधी की किस्मत का फैसला कल होने वाला है। उपराष्ट्रपति राज्यसभा का सभापति भी होता है।
इस बार देश के 15वें उपराष्ट्रपति के लिए चुनाव हो रहे हैं। उपराष्ट्रपति के लिए 5 अगस्त को वोटिंग होने वाली है। इस चुनाव में राज्यसभा और लोकसभा के सदस्य वोट डालेंगे। यह चुनाव सीक्रेट बैलेट के जरिए होना है। बैलेट पेपर से चुनाव में किसी भी प्रकार का चुनाव चिन्ह नहीं होता है। इसमें केवल उम्मीदवार का नाम होता है। अपना वोट डालने के लिए राज्यसभा और लोकसभा के सदस्य एक खास पेन का इस्तेमाल करने वाले हैं। जिन पेन से वोट डाले जाने हैं उसके अलावा किसी अन्य पेन के इस्तेमाल करने पर वोट को खारिज कर दिया जाएगा।
5 अगस्त को वोट डाले जाने के बाद देश के 15वें उपराष्ट्रपति का नाम भी शाम होते होते साफ हो जाएगा। राष्ट्रपति चुनाव में जहां एनडीए की भारी जीत हुई है तो वही उपराष्ट्रपति चुनाव में भी एनडीए के प्रत्याशी को भी जीतता हुआ साफ देखा जा रहा है। क्योंकि वोटों के गणित के बारे में बात की जाए तो सीधे तौर पर एनडीए की जीत दिखाई दे रही है। वही इस बार जेडीयू के वोटों पर सभी लोगों के खास नजर होने वाली है। ऐसा इसलिए हैं क्योंकि राष्ट्रपति चुनाव में नीतीश कुमार की पार्टी ने एनडीए के प्रत्याशी रामनाथ कोविंद को वोट दिया था। नीतीश कुमार ने उस वक्त कहा था कि वह उपराष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष के उम्मीदवार को अपना समर्थन देंगे। लेकिन अब बिहार में नीतीश कुमार ने बीजेपी के साथ मिलकर पार्टी बनाई है। ऐसे में देखने वाली बात यह है कि क्या अब वह विपक्ष के उम्मीदवार गोपाल कृष्ण गांधी को अपना समर्थन देते हैं या नहीं।