राजभाषा नीति के श्रेष्ठ कार्यान्वयन के लिए रेल मंत्रालय को राजभाषा कीर्ति पुरस्कार के तहत प्रथम पुरस्कार प्राप्त हुआ है। आपको बता दें कि यह पुरस्कार भारत के उपराष्ट्रपति एम.वेंकैया नायडु द्वारा हिंदी दिवस के अवसर पर आज विज्ञानं भवन, नई दिल्ली में आयोजित पुरस्कार वितरण समारोह में दिया गया।
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रेल मंत्रालय की ओर से सचिव, रेलवे बोर्ड रंजनेश सहाय द्वारा यह पुरस्कार ग्रहण किया गया। राजभाषा नीति के सर्वश्रेष्ठ कार्यान्वयन के परिणामस्वरुप राजभाषा के प्रयोग में बेहतर प्रगति दर्ज करने वाले कार्यालयों को राजभाषा शील्ड देकर सम्मानित किया जाता है। पुरस्कारों का निर्णय राजभाषा नीति के कार्यान्वयन से सम्बंधित तिमाही प्रगति रिपोर्टों के आधार पर किया जाता है। यह समीक्षा राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा की जाती है।
संघीय लोकतंत्र और लोकसत्ता के प्रति सम्मान का यह अद्वितीय उदाहरण है कि भारत की संविधान-सभा ने 14 सितम्बर, 1949 की अपनी बैठक में सर्वसम्मति से देश की एक ऐसी भाषा को भारत संघ की राजभाषा के रूप में स्वीकार किया जो राष्ट्र के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान स्वाधीनता सेनानियों के बीच सम्पर्क का प्रमुख माध्यम रही, जो विविधता में एकता का सूत्र रही।
देश के ज़्यादातर भागों में अधिकांश लोगों द्वारा सबसे अधिक बोली-समझी जाती रही है और जो देश के सामाजिक, राजनीतिक, धार्मिक, साम्प्रदायिक एवं भाषायी समन्वय व सौहार्द का प्रतीक थी,और वह भाषा थी हिंदी। आज भी हिंदी की यही विशेषताएं उसे अन्य भाषाओं की अपेक्षा अधिक स्वीकार्य बनाती हैं। प्रत्येक वर्ष 14 सितम्बर को हिंदी दिवस मनाए जाने की पृष्ठभूमि और आधार यही है।
महेश कुमार यदुवंशी