उप-राष्ट्रपति एम.वेंकैया नायडू ने बीते रोज मेडिकल के छात्रों को कहा कि निस्वार्थ रूप से सेवा करें क्योंकि चिकित्सा एक उत्कृष्ट पेशा है। साथ ही उन्होंने कहा कि मेडिकल (चिकित्सा) के छात्रों को अनुशासन, समर्पण और निस्वार्थ रूप से सेवा कर अपने करियर में सफल होने की सलाह दी।
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गिटम आयुर्विज्ञान एवं अनुसंधान संस्थान, विशाखापट्टनम में एमबीबीएस के तीसरे वर्ष के छात्रों के साथ बात-चीत करते हुए उप- राष्ट्रपति ने कहा कि चिकित्सा एक महान पेशा है, और आप सब हमेशा नैतिक मूल्यों का पालन अवश्य करें। उन्होंने इसके साथ ही कहा कि “मेडिकल पेशा एक मिशन की तरह है और इसमें कमीशन की गुंजाइश नहीं है।इसमें कोई चूक या गलती नहीं होनी चाहिए।”उन्होंने कहा कि लोग डॉक्टरों को भगवान के तुल्य समझते हैं और आप लोग इस विश्वास को बनाये रखें।
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उप-राष्ट्रपति नें कहा कि शारीरिक गतिविधि की कमी जीवन को बीमारियों की ओर ले जाती है और आप लोग छात्र जीवन में इसका विशेष रूप से ख्याल रखें।चिकित्सा के क्षेत्र में चरक और सुश्रुत के योगदान को याद करते हुए । उन्होंने कहा कि भारत को एक मय में ‘विश्वगुरु’ कहा जाता था और भारतीय कई वैज्ञानिक कार्यों में अग्रणी थे। उन्होंने युवाओं को भारतीय संस्कृति, परंपराओं और रीति-रिवाजों को अपनाए जाने पर जोर दिया।