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योगी की जनसंख्‍या नीति से विहिप नाखुश,कहा इससे हिन्‍दुओं का होगा नुकसान

VHP योगी की जनसंख्‍या नीति से विहिप नाखुश,कहा इससे हिन्‍दुओं का होगा नुकसान
जनसंख्‍या नीति में तीन बच्‍चे का होना चाहिये मानक

लखनऊ। विश्‍व हिन्‍दू परिषद (विहिप) का कहना है कि उत्‍तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ द्वारा लायी गयी नई जनसंख्‍या नीति हिन्‍दुओं के हित में नहीं है। इस कानून से हिन्दुओं की ही जनसंख्या पर असर पड़ेगा और जनसंख्‍या असंतुलन पैदा हो जायेगा।विहिप नेताओं का कहना है कि यदि जनसंख्‍या नीति बनानी है तो मानक तीन सन्तान का होना चाहिये नहीं तो यह प्रदेश और देश के लिये आत्मघाती होगा।


विश्‍व हिन्‍दू परिषद के कार्यकारी अध्‍यक्ष एडवोकेट आलोक कुमार ने कहा कि यूपी सरकार को जनसंख्‍या नीति पर दोबारा विचार करना चाहिए। उत्‍तर प्रदेश सरकार द्वारा जारी की गयी नई जनसंख्‍या नीति से हिन्‍दू और मुसलमान जनसंख्‍या अनुपात में असंतुलन पैदा हो जायेगा।


मुस्लिमों ने जनसंख्या के बल पर अलग देश ले लिया

हिन्‍दू परिषद पूर्वी उत्‍तर प्रदेश क्षेत्र के क्षेत्र संगठन मंत्री अम्‍बरीश ने कहा कि जिस धार्मिक समुदाय ने अपनी जनसंख्या के बल पर बंटवारे में अलग देश ले लिया हो वह नौकरी और सरकारी सुविधाओं के लिये अपनी आबादी घटाएगा क्या ? राष्ट्रीय एकता और अखण्डता की गारण्टी हिन्दू ही है।देश में लोकतन्त्र , पंथनिरपेक्षता, सहिष्णुता तभी तक है जब तक हिन्दू बहुसंख्यक रहेगा।

उन्‍होंने कहा कि उत्तरप्रदेश की प्रस्तावित जनसंख्या नीति दो बच्चे से अधिक होंगे तो नौकरी नहीं मिलेगी इससे हानि हिन्‍दुओं की ही होगी क्‍योंकि हिन्दू के अलावा अन्य समुदाय के लोग नौकरी के लिये बहुत कम संख्‍या में आवेदन करते हैं ? अन्ततः इस कानून से हिन्दू की ही जनसंख्या पर असर पड़ेगा। इसलिए नई जनसंख्या नीति में मानक तीन बच्‍चों का होना चाहिए।

विहिप नेता ने कहा कि देश में जनसंख्या बढ़ रही है पर विशेषकर किस धार्मिक समुदाय की ? हिन्दू तो प्रत्येक दशक में 1 प्रतिशत कम हो रहा है, स्वाधीनता के बाद कितने विकास खण्ड, नगर, वार्ड,गांव और जिले मुस्लिम प्रभुत्व वाले या मुस्लिम बहुल हो गये यह भी अध्ययन और चिन्तन का विषय है, कई प्रदेशों में हिन्दू अल्पसंख्यक हो गया है।

जनसंख्या असन्तुलन राष्ट्रीय एकता के लिये खतरा
विहिप के क्षेत्रीय संगठन मंत्री ने कहा कि गैर हिन्दुओं की जनसंख्या की वृद्धि स्वाभाविक नहीं है, बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठ, देश में एक विधान का न होना, बड़े परिणाम में धर्मान्तरण के कारण यह हुआ है ।इसलिये कम बच्चे हों इसका कानून बना देना मात्र ही इसका हल नहीं है। इस समस्या के निदान के लिये ठोस उपाय करने होंगे ।
अम्‍बरीश ने कहा कि जनसंख्या नियंत्रित्र होना राष्ट्रीय आवश्यकता है लेकिन जनसंख्या का असन्तुलन राष्ट्रीय एकता के लिये खतरा है इसलिये एक राष्ट्रीय जनसंख्या नीति आवश्यक है जो यथार्थपरक हो।

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