देश को अपना 15वें उपराष्ट्रपति मिल गए हैं। शनिवार को उपराष्ट्रपति के लिए वोटिंग हुई जिसमें 771 वोट उपराष्ट्रपति के लिए डाले गए। लेकिन 771 में से 760 ही वोट मान्य हुए, 11 वोटों को अमान्य किया गया है। चुनाव में विपक्षी उम्मीदवार गोपाल कृष्ण गांधी को 244 वोट हासिल हुए हैं। लेकिन एनडीए के उपराष्ट्रपति उम्मीदवार एम वेंकैया नायडू को 516 वोटों से विजय हुए।
एनडीए की तरफ से वेंकैया नायडू को दो तिहाई वोट प्राप्त हुए। उपराष्ट्रपति राज्यसभा के सभापति भी होते हैं। उपराष्ट्रपति बनने के बाद वेंकैया नायडू ने उन्हें वोट देने वालों का आभार व्यक्त किया। उनका कहना है कि वह संविधान एवं संसद के उच्च सदन की गरिमा को बनाए रखेंगे। चुनाव परिणाम आने के बाद वेंकैया नायडू ने कहा है कि ‘राष्ट्रपति के हाथों को मजबूत करने के लिए और सदन की गरिमा को बनाए रखने के लिए उपराष्ट्रपति की संस्था का उपयोग करेंगे’ वेंकैया नायडू ने कहा है कि साधारण किसान के परिवार के संबंध रखने पर भी वह उपराष्ट्रपति बने हैं, यह सम्मान की बात है। उन्होंने इस सब को भारतीय लोकतंत्र की खूबसूरती और मजबूती करार दिया है।
वही चुनाव परिणाम आने के बाद एनडीए के साथ साथ विपक्ष के नेताओं ने भी वेंकैया नायडू को बधाई दी। विपक्ष की तरफ से उपराष्ट्रपति गोपाल कृष्ण गांधी ने वेंकैया नायडू को बधाई दी है। इसके साथ साथ प्रधानमंत्री मोदी ने भी नए उपराष्ट्रपति बनने पर वेंकैया नायडू को बधाई दी है। इस सब के बीच देखने वाली बात यह है कि वेंकैया नायडू के उपराष्ट्रपति बनने के बाद देश के तीन सबसे बड़ी संवैधानिक पद पर बीजेपी का ही कब्जा हो गया है। प्रधानमंत्री के तौर पर नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति के तौर पर रामनाथ कोविंद और अब उपराष्ट्रपति के तौर पर अब वेंकैया नायडू ने अपनी जगह बना ली है।