मेरठ: ढाई साल के इंतजार के बाद दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे का यातायात गुरुवार को शुरू किया गया। लेकिन इसकी शुरुआत बहुत अच्छी नहीं रही, भोजपुर के पास ही एक सड़क हादसा देखने को मिला।
मेटाडोर और पिकअप में हुई टक्कर
इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण से दिल्ली और मेरठ के बीच के सफर को आसान करना था। इसी आसानी के चक्कर में गाड़ियां रफ्तार भरने लगती हैं। भोजपुर के पास गुरुवार को एक मेटाडोर और पिकअप में टक्कर हो गई। इस हादसे में मेटाडोर की केबिन में ड्राइवर दबकर घायल हो गया। घटना के बाद आसपास मौजूद लोगों की मदद से ड्राइवर को निकाला गया।
नहीं मिली एनएचएआई से मदद
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर एनएचएआई की हेल्पलाइन सुविधा उपलब्ध है। किसी भी तरह की जरूरत पड़ने पर यहां से मदद ली जा सकती है। भोजपुर की घटना में मदद की गुहार लगा रहे लोगों को कोई रिस्पांस नहीं मिला। ऐसे में इस नए एक्सप्रेसवे की शुरुआत ही काफी फ्लॉप मानी जा रही है। इस हादसे के दौरान सीसीटीवी से भी कुछ ज्यादा मदद नहीं मिली, वह भी फेल नजर आया।
8500 करोड़ की लागत से बना दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे
दिल्ली ही नहीं, देहरादून की तरफ जाने वाले यात्रियों को भी इससे मदद मिलने की उम्मीद है। इसके अलावा दिल्ली का सफर अब 1 घंटे में तय किया जा सकेगा। एक्सप्रेस-वे पर कई तरह की सुविधाएं बहुत जरूरी होती है, जिनमें हेल्पलाइन, सीसीटीवी और स्पीड मीटर काफी महत्वपूर्ण हैं।
निर्धारित सीमा से ऊपर गाड़ी चलाने वालों पर भी नजर रखी जानी चाहिए। आए दिन यमुना एक्सप्रेस वे पर कई बड़े हादसे होते रहते हैं। ऐसे में यातायात से जुड़े अधिकारियों को इस पर भी उचित निर्णय लेने की जरूरत है।