स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और नेता विनायक दामोदर सावरकर की आज 138वीं जयंती है। जिस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें याद किया। पीएम ने ट्वीट करते हुए लिखा कि आजादी की लड़ाई के महान सेनानी और प्रखर राष्ट्रभक्त वीर सावरकर को उनकी जयंती पर कोटि-कोटि नमन।
आजादी की लड़ाई के महान सेनानी और प्रखर राष्ट्रभक्त वीर सावरकर को उनकी जयंती पर कोटि-कोटि नमन।
— Narendra Modi (@narendramodi) May 28, 2021
‘वीर सावरकर को कोटि-कोटि नमन’
वहीं केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि महान स्वतंत्रता सेनानी, समाज सुधारक, प्रखर वक्ता और लेखक विनायक दामोदार सावरकर जी की जयंती पर उन्हें कोटि-कोटि नमन। औपनिवेशिक शक्तियों के खिलाफ उनकी बहादुरी, संघर्ष एवं त्याग हम सभी को सदा प्रेरित करता रहेगा।
महान स्वतंत्रता सेनानी, प्रखर राष्ट्रवादी नेता व लेखक विनायक दामोदर वीर सावरकर जी की जयंती पर उन्हें कोटि कोटि नमन। उनका संपूर्ण जीवन स्वराज्य की प्राप्ति के लिए संघर्ष करते हुए ही बीता। #VeerSavarkar pic.twitter.com/DBwLb1kW78
— Prakash Javadekar (@PrakashJavdekar) May 28, 2021
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी ट्वीट कर लिखा वीर सावरकर जी की जयंती पर मैं उन्हें श्रद्धापूर्वक स्मरण एवं नमन करता हूं। उन्होंने भारत माता को स्वतंत्र कराने के लिए अनेक यातनायें सहीं और कष्ट उठाये, मगर अपना संकल्प नहीं छोड़ा। यह देश उनके संघर्ष, प्रयासों और स्वतंत्रता संग्राम में उनके योगदान को कभी नहीं भूलेगा।
वीर विनायक दामोदर सावरकर जी की जयंती पर मैं उन्हें श्रद्धापूर्वक स्मरण एवं नमन करता हूँ। उन्होंने भारत माता को स्वतंत्र कराने के लिए अनेक यातनायें सहीं और कष्ट उठाये मगर अपना संकल्प नहीं छोड़ा। यह देश उनके संघर्ष, प्रयासों और स्वतंत्रता संग्राम में उनके योगदान को कभी नहीं भूलेगा।
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) May 28, 2021
कौन थे वीर सावरकर ?
28 मई 1883 को मुंबई में जन्मे विनायक दामोदर सावरकर क्रांतिकारी होने के साथ-साथ लेखक, वकील और हिंदुत्व की विचारधारा के बड़े समर्थक थे। स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान अंग्रेजों ने वीर सावरकर को कालापानी की सजा सुनाई थी। और उनका निधन 26 फरवरी 1966 को हुआ।
आज भी वीर सावरकर देश की राजनीति से अछूते नहीं हैं। बीजेपी जहां सावरकर को एक अहम स्वतंत्रता सेनानी बताती है। तो कांग्रेस की ओर से हमेशा यही आरोप लगाया जाता है, कि उन्होंने अंग्रेजों से कई बार माफी मांगते हुए सजा कम करने की अपील की थी। इस मुद्दे को लेकर कई बार दोनों पार्टियों में बहस हो चुकी है।