नई दिल्ली। तमिलनाडु सरकार ने बीते सोमवार को तूतीकोरिन में वेदांता स्टरलाइट प्लांट को हमेशा के लिए बंद करने का आदेश दे दिया है। लेकिन इस प्लांट के बंद होने से हज़ारों लोग बेरोज़गार हो सकते है। इंडियन एक्सप्रेस में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक इस प्लांट से भारत में कॉपर प्रोडक्शन की हिस्सेदारी करीब 40 फीसदी की थी। ऐसे में इस प्लांट के बंद होने से देश के करीब 800 छोटे-मझोले उद्यमों पर असर पड़ेगा। इसके अलवा इससे करीब 50 हजार नौकरियां जाने का भी खतरा मंडरा रहा है।
बता दें कि स्टरलाइट प्लांट बंद होने से इससे केबल बनाने वाले, वाइंडिंग वायर यूनिट और ट्रांसफार्मर मैन्युफैक्चरर के कारोबार पर सबसे ज्यादा असर पड़ेगा। ये इकाइयां देश के पश्चिम और उत्तर क्षेत्र में है। इतना ही नहीं वेदांता स्टरलाइट प्लांट के बंद होने का असर भारत के कॉपर निर्यात पर भी पड़ सकता है। तूतीकोरिन के इस प्लांट से करीब 1.6 लाख टन कॉपर अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में बेचा जाता है। रेटिंग एजेंसी आईसीआरए ने अप्रैल की एक रिपोर्ट में कहा है कि देश में कॉपर की खपत पिछले पांच वर्षों में तेजी से बढ़ रही है और मौजूदा स्थानीय मांग में हर साल 7-8 फीसदी की वृद्धि हुई है।
वहीं वेदांता लिमिटेड ने एक बयान में कहा कि स्टरलाइट कॉपर प्लांट को बंद करना दुर्भाग्यपूर्ण फैसला है। ये पिछले 22 साल से चल रहा था। हम सरकार के ऑर्डर को पढ़ने के बाद कोई फैसला करेंगे। वेदांता स्टरलाइट प्लांट विरोध इस साल मार्च में शुरू हुआ, जब कंपनी ने कहा कि वो अपना उत्पादन 4 लाख टन से बढ़ाकर 8 लाख टन प्रति वर्ष करेगी। इसके बाद 29 मार्च को मेंटेनेस के लिए प्लांट को 15 दिनों के लिए बंद कर दिया गया। लेकिन फिर प्लांट 6 जून तक बंद रहा क्योंकि तमिलनाडु प्रदूषण बोर्ड ने पर्यावरण के नियमों का अनुपालन न करने के कारण इसे दुबारा शुरू किए जाने की अनुमति नहीं दी थी।
साथ ही तूतीकोरिन में इस प्लांट के खिलाफ महीनों से प्रदर्शन जारी था। पिछले दिनों प्रदर्शन के अचानक हिंसक होने के बाद पुलिस पुलिस को फायरिंग करनी पड़ी थी जिसमें 13 लोगों की मौत हो गई थी और तीस से ज्यादा लोग घायल हुए थे। हिंसा भड़कने के बाद इलाके में धारा 144 लागू हो गई थी और इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई थीं।