अलवर। राजस्थान के उपचुनावों मे सत्ता पक्ष को मिली हार के बाद सरकार ने अलवर वासियों का दिल जीतने के लिए महाभारत काल के सरहेटा गांव का जीर्णोेधार करने की ठानी है। सरकार इस गांव को रंगीन विलेज में बदलने जा रहा है, जिसके तहत इस गांव में बने घरों को सतरंगी रंगों से नए लुक दिया जाएगा। इस गांव के घरों पर अलग-अलग रंग होने के बाद ये माना जा रहा है कि सरहेटा गांव देश का पहला रंगीला गांव बन जाएगा। सरकार की योजना के आधार पर इस गांव के करीब 800 घरों को रंग-बिरंगा किया जाएगा, जिसके चलते इस गांव को देखने के लिए लोग दूर-दराज से आएंगे और राज्य में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
सरकार ने इस गांव को रंग-बिंरगा करने के लिए एक प्राईवेट कंपनी को ठेका दिया है। सरकार के इस आदेश के बाद ग्रामीणों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी है और हर तरफ लोगों के चेहरे पर खुशी साफ देखी जा रही है क्योंकि अगर ये गांव पर्यटन स्थल बनेगा तो इससे गांव वालों को रोजगार मिल सकेगा। आपको बता दें कि गांव में सभी जातियों और धर्म के लोग रहते हैं और सभी लोगों मे भाईचारा बना हुआ है। नफरत का माहौल का इस गांव में कोई नामो निशान नहीं है। ग्रामीणों का कहना है यह गांव जल्द देश विदेश में रंगीला गांव के नाम पर प्रसिद्धि प्राप्त कर रहा है।
बताया जाता है कि ये गांव राजस्थान में महाभारत काल से है और उस दौरान की त्रिगत रियासत का ये गांव राजधानी हुआ करता था। आज त्रिगट को तिजारा नाम से जाना जाता है।तिजारा की राजधानी सरहैटा गांव से आज करीब 800 साल बाद विश्व पटल पर अपनी पहचान बना रहा है। ग्रामीणों का कहना है त्रिगत रियासत के राजा सुशर्मा राजा हुए करते थे और तभी से ये रियासत सामाजिक समरसता ओर न्याय की भावना से देश की सभी रियासतों में पहचान बना रखा था। लेकिन आज गांव में करीब 800 घरों की आबादी है और इन लोगों के मकानों को रंग बिरंगा रंगा जा रहा है।