जोधपुर। राजस्थान सरकार के सेवा केंद्रों का नाम राजीव गांधी सेवा केंद्र से बदलकर अटल सेवा केंद्र करना वसुंधरा राजे सरकार को भारी पड़ गया है। राजस्थान हाईकोर्ट ने वसुंधरा सरकार को तगड़ा झटका देते हुए राजीव गांधी सेवा केंद्र का नाम बदलने के फैसले को निरस्त कर दिया है। दरअसल वसुंधरा राजे ने दिसंबर 2013 में राज्य की सत्ता में आने के बाद 28 दिसंबर 2014 को नोटिफिकेशन जारी करते हुए राजीव गांधी सेवा केंद्र का नाम बदलकर अटल सेवा केंद्र करने का आदेश दिया था। वहीं अब सरकार के इस आदेश को हाईकोर्ट ने निरस्त कर दिया है।
राजस्थान हाईकोर्ट के जस्टिस एमएन भंडारी की अदालत ने संयम लोढ़ा की याचिका पर सुनवाई करते हुए ये फैसला सुनाया है। अदालत ने इस मामले को लेकर सुझाव देते हुए कहा कि ऐसी स्थिति फिर से उत्पन्न न हो इसके लिए स्वाधीनता सेनाानियों के नाम पर केंद्रों के नाम रखे जाए। आपको बता दें कि आम जनता की सुविधा के लिए कांग्रेस के शासन काल में इन केंद्रों को खोला गया था। इन्ही केंद्रों का नाम बदलकर वसुंधरा सरकार ने अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर कर दिया था। सरकार की इस घोषणा के तीन दिन बाद ही ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्रीमत पाण्डेय की तरफ से इस संबंध में आदेश जारी किया गया था।
कांग्रेस सरकार ने जिला मुख्यालयों पर जन सुविधा केन्द्र और पंचायत समिति एवं ग्राम पंचायतोंं पर भारत निर्माण राजीव गांधी सेवा केन्द्र भवनों का निर्माण मनरेगा बजट से किया था. इन्हीं केंद्रों को लेकर सीएम वसुंधरा ने 25 दिसम्बर को पूर्व प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी के जन्म दिन को सुशासन दिवस के रूप में मनाने की घोषणा करते हुए कहा था कि ग्राम पंचायतों पर अटल सेवा केन्द्र खोले जाएंगेसीएम की घोषणा के बाद जारी आदेशों का असर प्रदेश के करीब 9500 ऐसे केंद्रों के पर पड़ा. उनके नाम बदल कर अटल सेवा केन्द्र कर दिए गए. राजीव गांधी सेवा केन्द्रों के नाम बदलकर अटल सेवा केन्द्र करने में लाखों रूपए खर्च हुए और अब कोर्ट के फैसले के बाद फिर से नाम बदले जाएंगे।