नई दिल्ली। बढ़ती उम्र के साथ वजाइना में ड्रायनेस आना एक सामान्य सी बात है। हालांकि लोग इसके बारे में ज्यादा बात नहीं करते है। जिन महिलाओं के लिए मेनोपॉज का समय पास आ रहा है या फिर वह इस फेज से गुज़र चुकी हैं, वजाइना का शुष्क होना एक आम बात होगी। ऐसा इसलिए क्योंकि इस समय में महिलाओं में एस्ट्रोजन का उत्पादन होना बंद हो जाता है। लेकिन यह समस्या 50 से नीचे 18 साल के बीच उम्र वाली महिलाओं के साथ हो रहा है तो यह खतरनाक साबित हो सकता है। आइए जानते है कि आखिर किन कारणों के वजह से महिलाओं में वजाइना ड्रायनेस आ जाती है।
हॉर्मोन में बदलाव
हॉर्मोन में बदलाव यह एक सबसे ज़्यादा आम कारण है। जब महिला के हॉर्मोन में बदलाव आते हैं खासकर मीनोपॉज या बच्चे होने के बाद उनके शरीर में एस्ट्रोजन की कमी हो जाती है। इससे वजाइना में शुष्की हो जाती है। हॉर्मोन में बदलाव यह एक सबसे ज़्यादा आम कारण है। जब महिला के हॉर्मोन में बदलाव आते हैं खासकर मीनोपॉज या बच्चे होने के बाद उनके शरीर में एस्ट्रोजन की कमी हो जाती है।
इससे वजाइना में शुष्की हो जाती है। कीमोथेरेपी:
जब एक महिला कीमोथेरेपी से गुज़रती है तो इसका असर अंडाशय पर पड़ता है और इससे एस्ट्रोजन का बना कम हो जाता है। इससे वजाइना में लुब्रिकेशन कम हो जाती है और शुष्की बन जाती है।
ज़्यादा तनाव:
स्ट्रेस वजाइना में शुष्कता का सबसे प्रमुख कारण है। इससे कामेच्छा नहीं होती और एस्ट्रोजन भी कम बनता है।
ज़्यादा एक्सरसाइज:
रोज़ थोड़े एक्सरसाइज से काफी फायदा होता है पर ज़्यादा एक्सरसाइज से एस्ट्रोजन का बनना कम हो जाता है जिससे वजाइना ड्राई हो जाती है।
धूम्रपान और शराब धूम्रपान और शराब भी वजाइना में शुष्की का प्रमुख कारण है। इससे एस्ट्रोजन के स्तर में असर पड़ता है जिससे वजाइना में शुष्कता की समस्या सामने आती है।
दवाइयों का इस्तमाल: दवाइयां ज़्यादा दवाइयों का इस्तमाल जैसे सर्दी की दवाई या डिप्रेशन दूर करने के लिए दवाई लेने से वजाइना के टिश्यू सूखने लगते हैं जिससे वजाइना में शुष्की आ जाती है। स्प्रे और साबुन कुछ कड़े साबुन और स्प्रे के इस्तमाल से भी वजाइना में शुष्की आ सकती है। स्विमिंग पूल में इस्तमाल किये जाने वाले केमिकल भी वजाइना में शुष्की का अहम कारण हो सकता है।