नई दिल्ली। शनिवार की सुबह एक नई उम्मीद लेकर आई है। देश ही नहीं दुनियाभर के देशों में एक नए सवेरे की आशा जगी है। देर न करते हुए आपको बता दें कि शनिवार को वैक्सीनेशन का मंगल कार्य आरम्भ हो गया है। प्रधानमंत्री मोदी ने दिल्ली में वीडियों काॅन्फ्रेंहसिंग के जरिए इस शुभ कार्य की शुरुआत की जिसका पूरे देश को बेसबरी से इंतजार था। लॉन्च के दौरान सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 3,006 साइट वर्चुअल रूप से जुड़ी रहीं। प्रधानमंत्री मोदी ने इस मौके पर कहा कि आज के दिन का पूरे देश को बेसबरी से इंतजार रहा है, सबकी जुबान पर यही सवाल था कि कोरोना की वैक्सीन कब आएगी। इसी के साथ पीएम मोदी ने सभी देशवासियों को बधाई दी।
शनिवार को शुरु हुए टीकाकरण अभियान के पहले चरण में 3 करोड़ लोगों को टीका लगाया जाएगा। इसी के साथ टीके से सम्बंधित जानकारी देते हुए पीएम मोदी ने बताया, “कोरोना वैक्सीन की 2 डोज लगनी बहुत जरूरी है। पहली और दूसरी डोज के बीच लगभग एक महीने का अंतराल भी रखा जाएगा। दूसरी डोज़ लगने के 2 हफ्ते बाद ही आपके शरीर में कोरोना के विरुद्ध ज़रूरी शक्ति विकसित हो पाएगी। भारत वैक्सीनेशन के अपने पहले चरण में ही 3 करोड़ लोगों का टीकाकरण कर रहा है।”
इस पूरी प्रक्रिया को कैसे अंजाम दिया जाएगा?-
1- सबसे पहले वैक्सीन के मैन्युफैक्चर इसका उत्पादन करते हैं।
2- इसके बाद मैन्युफैक्चरर प्राइमरी वैक्सीन स्टोर यानि GMSD डिपो पहुंचती है।
3- भारत में करनाल, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता में 4 बड़े जीएमएसडी डिपो हैं।
4- इन 4 जगहों पर वैक्सीन मैन्युफैक्चरर एयर ट्रांसपोर्ट के जरिए वैक्सीन की सप्लाई करते हैं।
5- GMSD डिपो से राज्य वैक्सीन स्टोर तक पहुंचती है।
6- देश में 41 स्टोरेज प्वाइंट हैं।
यहां से आगे पहुंचाने की जिम्मेदारी राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों की होती है। कोरोना की दवा के रखरखवा से लेकर टीका लगावाने वाले हर शख्स का CoWin एप पर एक डिजिटल रिकॉर्ड भी रखा जाएगा।