उत्तराखंड के चमोली जिले के जिस ऋषि गंगा के उद्गम क्षेत्र में ग्लेशियर टूटने से तबाही मची थी। वहीं अभी ग्लेशियर में दरारें पड़ीं हुई हैं। जिसके बाद से ग्रामीणों दहशत का माहौल है। ग्रामीणों पूरे ग्लेशियर को देखा उसके बाद प्रशासन को इसकी जानकारी दी। ग्रामीणों की सूचना के बाद शनिवार को वैज्ञानिकों की एक टीम ने ऋषि गंगा इलाके का हवाई सर्वे किया।
ITBP और SDRF की टीम भी हुई रवाना
ग्लेशियर में दरारें पड़ीं होने की सूचना मिलने के बाद जोशीमठ से आईटीबीपी, एसडीआरएफ की टीम और सिंचाई विभाग भी ग्लेशियर में मौजूद स्थित की जायजा लेने के लिए ऋषि गंगा के लिए रवाना हो गई है। यह टीम दो दिन बाद जोशीमठ वापस लौटगी।
ग्रामीणों ने दी थी प्रशासन को सूचना
बीते दिनों बारिश होने से ऋषि गंगा का जल स्तर बढ़ गया था। खतरे को देखते हुए रैणी क्षेत्र के ग्रामीणों एक टीम ऋषि गंगा के उद्गम स्थल के निरीक्षण के लिए गई थी। ग्रामीणों ने प्रशासन को बताया था कि ग्लेशियरों में दरारें पड़ी हैं। जिससे आगे भी ऋषि गंगा में 7 फरवरी जैसी जलप्रलय की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है।
जिलाधिकारी ने वैज्ञानिकों से सर्वे का किया था अनुरोध
ग्रामीणों की सूचना पर जिला प्रशासन अलर्ट हो गया और शुक्रवार को जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने शासन के सम्मुख वैज्ञानिकों से ग्लेशियरों की मौजूदा स्थिति पर सर्वे कराने का आग्रह किया। शनिवार को वैज्ञानिकों की टीम ने हेलीकॉप्टर से ऋषि गंगा के उद्गम स्थल का हवाई सर्वेक्षण किया। टीम अपनी रिपोर्ट शासन को सौंपेगी।
जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने बताया कि वैज्ञानिकों की टीम ने ग्लेशियरों का हवाई सर्वेक्षण किया है, जबकि एक अन्य टीम भी मौके पर जायजा लेने के लिए भेज दी गई है। टीम की रिपोर्ट मिलने पर ही ग्लेशियरों की सही स्थिति का पता लग पाएगा।