देहरादून। उत्तराखण्ड में 15 फरवरी को मतदान है। सूबे में चुनाव प्रचार थम चुका है सभी प्रत्याशी की धड़कने तेज है कि आखिरकार किस्मत में क्या होगा लेकिन बाकि राज्यों की तरह सूबे में महिलाओं को उचित प्रतिनिधित्व प्रदान करने के मामले में हालात अब भी चिंताजनक बने हुए हैं। महिलाएं रणभूमि में तो उतरी है लेकिन उनकी दावेदारी अब भी उभरकर पूरी तरह से मैदान में नहीं उतर पाई हैं।
चुनाव से पहले महिलाओं को आरक्षण से लेकर तरक्की की चाहत दिखाकर लुभाने में राजनीतिक पार्टियां पीछे नहीं रहना चाहती थी, जब उन्हें जनता का प्रतिनिधित्व करने के लिए मैदान में उतारने की बारी आती है तो खुद को समेट ली है। आंकड़े के अनुसार प्रदेश में पुरूष और महिला मतदाता का अंतर पांच हजार से भी कम है। जबकि प्रदेश में कुल 637 उम्मीदवार मैदान में अपना भाग्य अजमा रहे हैं जिससे 62 महिला भी चुनाव लड़ रही हैं।
उत्तराखण्ड के केदारनाथ, पौड़ी, चौबट्टाखाल, पिथौरागढ़ और द्वाराहाट सीटों पर महिला मतदताओं की संख्या और पिछले चुनावों में मतदान मामले में पुरुषों को काफी पीछे छोड़ रखा है। केदारनाथ में भाजपा प्रत्याशी शैलरानी रावत, तो निर्दलीय आशा नौटियाल और चौबट्टाखाल में प्रजा मंडल पार्टी से पूनम कैंतूरा, जबकि मंजू रावत निर्दलीय व पिथौरागढ़ में सुषमा माथुर यूकेडी प्रत्याशी के तौर पर चुनाव मैदान में उतरी है, वहीं दूसरी तरफ निगाहें की जाए तो पता चलेगा कि डीडीहाट, द्वाराहाट, धारचूला और पौड़ी में एक भी महिला प्रत्याशी मैदान में नहीं है।
गत दिनों आए ताजा आंकड़ों के मुताबिक बताते विधानसभा चुनाव 2017 में 75,12,559 कुल मतदाता हैं जिसमें 39,33,564 पुरुष और 35,78,995 महिला मतदाता हैं।