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अल्मोड़ा: राज्यमंत्री और प्रिंसिपल के बीच विवाद ने पकड़ा तूल, विधायक ने बताई बचकानी हरकत

vivad अल्मोड़ा: राज्यमंत्री और प्रिंसिपल के बीच विवाद ने पकड़ा तूल, विधायक ने बताई बचकानी हरकत

Nirmal Almora अल्मोड़ा: राज्यमंत्री और प्रिंसिपल के बीच विवाद ने पकड़ा तूल, विधायक ने बताई बचकानी हरकतनिर्मल उप्रेती, संवाददाता

राज्यमंत्री रेखा आर्या और अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल के बीच का विवाद तूल पकड़ता जा रहा है। रेखा आर्या द्वारा स्वास्थ्य सचिव को मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल को हटाये जाने का पत्र लिखने के बाद अब, जहां रेखा आर्या विपक्षी पार्टियों के निशाने पर आ गयी हैं। वहीं खुद सत्ता पक्ष के विधायक उनकी इन हरकतों को बचकानी बता रहे हैं।

समीक्षा बैठक दौरान उपजा विवाद

आपको बता दें कि यह पूरा विवाद कोविड़ प्रभारी मंत्री रेखा आर्या द्वारा विगत 11 जून को अल्मोड़ा के विकास भवन में अधिकारियों के साथ कोविड़-19 की समीक्षा बैठक दौरान उपजा। अचानक बैठक में मौजूद अल्मोडा मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल आर जी नौटियाल को अल्मोड़ा से बीजेपी के विधायक और उत्तराखंड सरकार में विधानसभा उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह चौहान का फोन आया, जिसको प्रिंसिपल नौटियाल ने उठा लिया।

विवाद अब तूल पकड़ने लगा

प्रिंसिपल द्वारा बैठक के बीच में ही फोन उठाना रेखा आर्या को नागवार गुजरा। यही से यह विवाद बढ़ता गया। जिसके बाद पिछले दिनों रेखा आर्या ने स्वास्थ्य सचिव को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग कर डाली। ये विवाद अब तूल पकड़ने लगा है। जिसपर मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस हालांकि अभी तक खामोश है।

परिवर्तन पार्टी ने रेखा आर्या पर साधा निशाना

लेकिन उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी ने रेखा आर्या पर निशाना साधा है। उपपा के केंद्रीय अध्यक्ष पीसी तिवारी का कहना है कि यह बड़ा दुर्भाग्य है कि अपने क्षेत्र में माफियाओं को संरक्षण देने वाली मंत्री आज ईमानदार लोगों को प्रोटोकॉल का पाठ पढ़ा रही है। जबकि प्रोटोकॉल का पालन मंत्री व सरकार को करने की जरूरत है।

तिवारी कहते हैं कि जो मेडिकल कॉलेज को बनाने के कार्य मे जुटे हैं। मंत्री उन्हीं को हटाने की कोशिश में जुटी हैं। वहीं उन्होंने अधिकारियों के मीटिंग मे बीजेपी कार्यकर्ताओं की उपस्थिति पर भी सवाल खड़ा करते हुए कहा कि बैठक में या तो सभी पार्टियों के कार्यकर्ता हो या फिर किसी भी पार्टी के कार्यकर्ता मौजूद नहीं होने चाहिए। यह अपने कार्यकर्ताओं को बैठकों में ले जाकर ठेके दिखवाने की चाल है। इस कदाचार में मंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए।

‘मामले का बतंगड़ बनाना बचकानी हरकत’

वहीं इस मामले में सत्ताधारी दल के विधायक और विधानसभा के उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह चौहान का कहना है कि एक छोटे से मामले का बतंगड़ बनाना बचकानी हरकत है। उनका कहना है कि उनके द्वारा बतौर विधानसभा उपाध्यक्ष सदन से यह निर्देश दिए गए हैं कि आम जनता हो या फिर जन प्रतिनिधि अधिकारियों को उनका फोन उठाना चाहिए। उस दिन भी उनके विधानसभा  क्षेत्र में किसी की तबियत खराब होने से उसको अस्पताल में भर्ती करना था।

जिस कारण उन्होंने मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल को फोन किया था। जिस पर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल ने फोन उठाकर यह कहा कि वह मंत्री जी की बैठक मे हैं, बाद में बात करेंगे। यह वार्तालाप मुश्किल से 3 से 4 सेंकड तक चला। अगर इतनी सी बात का बतंगड़ बनाया जा रहा है तो यह सरासर बचकानी हरकत है। अगर यही फोन उनकी तरफ से किया जाता और अगर अगर कोई जिम्मेदार अधिकारी नही उठता तो, यह सोचनीय है।

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