उत्तर प्रदेश में भी अब कोरोना रफ्तार पकड़ने लगा है। हालांकी दूसरे राज्यों के मुकाबले यूपी में हर दिन सामने आने वाले संक्रमितों की संख्या कम है। इसके बावजूद प्रदेश सरकार पूरी तरह से 75 जिलों की कड़ी निगरानी कर रही है।
यूपी में कोरोना संकट के बीच तैयारी पूरी
उत्तर प्रदेश में भी अब कोरोना रफ्तार पकड़ने लगा है। हालांकी दूसरे राज्यों के मुकाबले यूपी में हर दिन सामने आने वाले संक्रमितों की संख्या कम है। इसके बावजूद प्रदेश सरकार पूरी तरह से 75 जिलों की कड़ी निगरानी कर रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामलों में उछाल को देखते हुए अधिकारियों को कोविड नियमों, नई गाइडलाइन का पालन कराने और अस्पतालों की सुविधाओं की निगरानी के निर्देश दिए हैं। उन्होंने राज्य स्तरीय स्वास्थ्य विशेषज्ञ परामर्श समिति के डॉक्टरों की ओर से दी गई सलाह पर काम करने के भी आदेश दिए हैं।
मेडिकल सुविधाओं में यूपी में हुआ सुधार- डॉ. शीतल वर्मा
केजीएमयू की माइक्रोबायोलॉजिस्ट डॉ. शीतल वर्मा ने कहा कि अभी दूसरे राज्यों के मुकाबले यूपी में प्रतिदिन सामने आने वाले केसों की संख्या कम है। लेकिन आबादी के हिसाब से प्रदेश सरकार ने कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में कई मेडिकल सुविधाओं में सुधार करते हुए चिकित्सा सुविधाओं में विस्तार के लिए कई अहम फैसले लिए हैं। जिसका परिणाम है कि यूपी दूसरे प्रदेशों के मुकाबले तीसरी लहर से लड़ने में सक्षम है। बेड, ऑक्सीजन, सीएचसी पीएचसी संग वेंटिलेटर की सुविधाओं में इजाफा होने से अस्पताल पूरी तौर पर तैयार हैं।
जारी गाइडलाइन का करें पालन, टीकाकरण है कवच- डॉ. शीतल
डॉ. शीतल ने कहा कि ऐसे में ‘सेल्फ इम्पोजड लॉकडाउन’ से राज्य के लोग तीसरी लहर को रोक सकते हैं। सरकार की ओर से जारी कोविड प्रोटोकॉल का पालन करें। उन्होंने बताया कि फिलहाल ओमिक्रान इतना भयावह नहीं है। वैक्सीनेशन के कारण लोगों पर संक्रमण का प्रभाव ज्यादा देखने को नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा कि तीसरी लहर से बचने के लिए वैक्सीनेशन के साथ ही लोगों को खुद से भी सतर्क रहने की जरूरत है।
लोगों तक पहुंचाए सटीक जानकारी-सीएम
राज्य सरकार हर एक प्रदेशवासी के जीवन और जीविका की सुरक्षा के लिए संकल्पित है। राज्य स्तर पर गठित स्वास्थ्य विशेषज्ञ सलाहकार पैनल से परामर्श के आधार पर व्यापक जनहित में सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। सीएम ने अधिकारियों से लोगों तक सटीक और पूरी जानकारी दिए जाने के निर्देश दिए हैं। बता दें कि विशेषज्ञों का मानना है कि यह वैरिएंट पूर्व के वैरिएंट्स की तुलना में बहुत कम नुकसानदेह है। वैक्सीन कवर ले चुके स्वस्थ-सामान्य व्यक्ति के लिए यह बड़ा खतरा नहीं है।