उत्तर प्रदेश सरकार को एक बार फिर लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी फटकार लगाई है। मामले में बुधवार को सुनावई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने योगी सरकार को गवाहों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।
लखीमपुर हिंसा पर सुप्रीम कोर्ट ने फिर लगाई योगी सरकार को फटकार
लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को फिर से सुनवाई की। इस सुनवाई के दौरान कोर्ट ने एक बार फिर उत्तर प्रदेश सरकार को जमकर फटकार लगाई। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार से कहा कि ऐसी धारणा ना बनने दे की आप जांच से पैर खींच रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने आज मामले की सुनवाई के दौरान स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने पर उत्तर प्रदेश सरकार को फटकार लगाई। कोर्ट ने सरकार से कहा कि सरकार को स्टेटस रिपोर्ट कम से कम 1 दिन पहले दायर करनी चाहिए।
गवाहों की सुरक्षा सुनिश्चित करे योगी सरकार- सुप्रीम कोर्ट
इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने योगी सरकार को गवाहों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। साथ ही इस मामले में गवाहों का बयान सीआरपीसी की धारा 164 के तहत दर्ज करने का भी निर्देश दिया। कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से सवाल करते हुए पूछा कि मामले में अब तक कितने लोगों की गिरफ्तारी हुई है?, कितने लोग पुलिस कस्टडी में और कितने लोग जेल में हैं? कोर्ट ने कहा कि जो लोग जेल में है क्या उनकी पुलिस कस्टडी की जरूरत अब नहीं है? और जो लोग जुडिशल कस्टडी में हैं क्या उनकी पुलिस कस्टडी की मांग नहीं की गई?
‘मामले में अब तक 10 लोगों को गिरफ्तार किया’
वहीं सुप्रीम कोर्ट के सवालों के जवाब में उत्तर प्रदेश सरकार ने बताया कि मामले में अब तक 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। जिसमें से 4 आरोपी पुलिस कस्टडी में हैं। कुल 44 गवाहों के बयान दर्ज हुए हैं। रकार की तरफ से पेश हुए वकील गरिमा प्रसाद ने बताया कि 3 दिन की पुलिस कस्टडी पूरी करने के बाद वह जेल में है।
26 अक्टूबर को होगी मामले में अगली सुनवाई
अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई 26 अक्टूबर को होगी। आपको बता दें कि 3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के बेटे की गाड़ी से किसानों को कुचला गया था। जिसके बाद से ही अजय मिश्रा के इस्तीफे की मांग भी उठ रही है। वहीं पुलिस ने अजय मिश्रा के बेटे को गिरफ्तार भी कर लिया था। हालांकि अब तक इस मामले में किसी को सजा नहीं सुनाई गई है।