करीब 250 साल बाद श्री काशी विश्वनाथ मंदिर परिक्षेत्र को विस्तार दिया जा रहा है। भारत के प्रधानमंत्री और वाराणसी से सांसद नरेंद्र मोदी सनातनियों के आस्था के केंद्र काशी विश्वनाथ मन्दिर को विस्तार देकर सौंदर्यीकरण करा रहे हैं।
250 साल बाद श्री काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर का विस्तार
करीब 250 साल बाद श्री काशी विश्वनाथ मंदिर परिक्षेत्र को विस्तार दिया जा रहा है। भारत के प्रधानमंत्री और वाराणसी से सांसद नरेंद्र मोदी सनातनियों के आस्था के केंद्र काशी विश्वनाथ मन्दिर को विस्तार देकर सौंदर्यीकरण करा रहे हैं। आजाद भारत के इतिहास में पहला ऐसा मौका है जब श्री काशी विश्वनाथ मंदिर परिक्षेत्र को विस्तार दिया जा रहा है। इससे पहले 1780 इंदौर की महारानी अहिल्याबाई होल्कर ने काशी विश्वनाथ मंदिर का जीर्णोद्धार कराया था। और महाराजा रणजीत सिंह ने 1836 में सोने का छत्र बनवाया था। अब नए भारत के निर्माण में पीएम मोदी पहले ऐसे शासक है जिन्होंने करीब 250 साल बाद श्री काशी विश्वनाथ कॉरिडोर को विस्तार देकर इसका सौंदर्यीकरण करा रहे हैं। ताकी सनातन धर्म को मानने वालो को विश्वनाथ मंदिर में आने पर कोई परेशानी न हो।
339 करोड़ रूपये की लागत से हो रहा विकास
काशी विश्वनाथ धाम या कॉरिडोर का विकास करीब 50,200 वर्ग मीटर में 339 करोड़ रूपये की लागत से हो रहा है। भव्य आनंद वन में सुरक्षा, म्यूजियम, फैसिलेशन सेंटर ,वाराणसी गैलरी ,मुमुक्ष, भवन जैसे 24 भवन का निर्माण हो रहा है। मंदिर चौक के व्यूइंग गैलेरी से बाबा और मां गंगा का अद्भुत नज़ारा देख सकेंगे। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में वास्तुशिल्प का अद्धभुत नज़ारा भी देखने को मिलेगा। मंदिर परिसर के पूर्वी द्वार से बाहर निकलते ही आप मंदिर चौक के विशाल एरिया में पहुंच जाएंगे। यही रास्ता आगे मां गंगा के दर्शन भी कराएगा। इंग्लिश के यू (U ) आकार का भूतल प्लस दो मंजिल का यह प्रांगण करीब 35 हजार स्क्वायर फ़िट का है। मंदिर चौक गेटवे भी यहीं है।
धीरे-धीरे अपने स्वरुप में आने लगी विश्वनाथ धाम की इमारतें
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना श्री काशी विश्वनाथ धाम की इमारतें अब धीरे धीरे अपने स्वरुप में आने लगी है। इन इमारतों में एम्पोरियम और मंदिर चौक का प्रांगण काफी महत्वपूर्ण है। सावन और महाशिवरात्रि जैसे महापर्वों में ये प्रांगण भक्तों के खड़े होने के लिए उपयोगी होगा। मंदिर चौक के व्यूइंग गैलरी से गंगा और बाबा के शिखर के दर्शन हो पाएंगे। यहां मौजूद एम्पोरियम में देश की हस्त निर्मित, हैंडीक्राफ्ट चीजें भी एक छत के नीचे मिल सकेगी।
पहली मंजिल पर होगा एम्पोरियम
श्री काशी विश्वनाथ ट्रस्ट के सीईओ सुनील वर्मा ने बताया कि मंदिर चौक की पहली मंजिल पर एम्पोरियम होगा। यहां पर हैंडीक्राफ्ट और सोविनियर की दुकानें होंगी। जिसमे देश के करीब सभी हिस्सों में बनाए जाने वाले हैंडीक्राफ्ट के उत्पादों की दुकानें होंगी। ये दुकानें अनेकता में एकता को पिरोती हुई देश के कई राज्यों का प्रतिनिधित्व करेंगी। इमारत की दूसरी मंजिल में मंदिर ट्रस्ट के कर्मचारियों और उनके बोर्ड रूम के कार्यालय हैं। ये डबल मंजिला स्थान इमारत के दोनों ओर हैं। इस इमारत का सबसे खूबसूरत स्थान व्यूइंग पॉइंट है। जहां खड़े होकर आप पूरे श्री काशी विश्वनाथ धाम के भव्य स्वरुप निहार सकते हैं। पूर्व की तरफ श्री काशी विश्वनाथ धाम की अन्य इमारते और मां गंगा के दर्शन कर सकते हैं। वहीं पश्चिम की तरफ बाबा दरबार का अद्भुत नज़ारा दिखेगा। और बाबा दरबार का स्वर्ण शिखर के दर्शन भी कर सकेंगे।
बालेश्वर के ग़ुलाबी पत्थरों की बनाई दीवार
उन्होंने बताया कि मंदिर चौक की इमारत को हेरिटेज लुक देने के लिए राजस्थान के बालेश्वर के ग़ुलाबी पत्थरों को दीवारों पर लगाया जा रहा है। इसके लगाने के विशेष तरीके से अंदर का तापमान संतुलित रहेगा। मंदिर चौक पर बने आकर्षक बिल्डिंग पर जाने के लिए के सीढ़ियां हैं। इसमें बुजुर्गों और दिव्यांगों की सुविधा के लिए भी लिफ्ट का प्रावधान रखा गया है। व्यूइंग गैलरी तक जाने के लिए भी दो लिफ्ट हैं। इस इमारत में कुल 6 लिफ्ट हैं। भूतल पर प्रतीक्षालय बनाया गया है। यहीं पर पब्लिक यूटिलिटी की सुविधा बनाई गई है। जो अधिक से अधिक लोगों को सुविधा प्रदान करेगा। भगवान शंकर के प्रिय पौधे लगाए जाने की भी योजना है।