विश्व प्रसिद्ध देव दीपावली के मौके पर काशी की अदभुत अलौकिक और दिव्य दीपावली चौरासी गंगा घाटों पर अपनी स्वर्णिम आभा बिखेर रही है। बनारस के सभी 84 घाटों सहित 36 कुंडों की रौनक देखते बन रही है।
काशी में दिव्य देव दीपावली
विश्व प्रसिद्ध देव दीपावली के मौके पर काशी की अदभुत अलौकिक और दिव्य दीपावली चौरासी गंगा घाटों पर अपनी स्वर्णिम आभा बिखेर रही है। कार्तिक मास की पूर्णिमा पर भगवान भोलेनाथ की नगरी काशी देवताओं के स्वागत के लिए दीपों की रोशनी को जगमग हो रही है। ऐसा लग रहा है मानो देव दीपावली पर मां गंगा ने दीपों का चंद्रहार पहना है। कहीं दीपों की दपदप, कहीं गीत-संगीत की सरीता बह रही है।
गंगा आरती के दौरान अनुपम नजारा
सुरसरि के घाटों पर ओर से छोर तक दीपों का तारामंडल इठलाने लगा। दशाश्वमेध घाट पर गंगा आरती के दौरान अनुपम नजारा कैद करने के लिए सैलानियों के कैमरे गंगा की लहरों पर चमकते नजर आए तो गंगा की लहरों पर सवार नौका और बजड़ों से नदी में ट्रैफिक जाम सरीखा नजारा भी दिखा। कहीं फूलों की लड़ियां सजीं तो कहीं रंगोलियां। देव दीपावली पर बनारस के सभी 84 घाटों सहित 36 कुंडों की रौनक देखते बन रही है।
पंचगंगा घाट हर हर महादेव के जयघोष से गूंजा
पंचगंगा घाट पर हजारा रोशन होते ही हर हर महादेव और हर हर गंगे के जयघोष से घाट गूंज उठा। सतरंगी बौछारें देव उत्सव में आनंद का संचार करती रहीं। घाटों की इस अलौकिक छटा को देखने के लिए देश विदेश से लोग आए हुए हैं। घाट से लेकर गंगा की लहरों तक फूलों की महक के साथ इंद्रधनुषी अलौकिक छठा देखने को मिल रही है। हर बार की तरह देश-दुनिया से जुटी हजारों-लाखों की भीड़ इस दिव्य दृष्य को देखने के लिए पहुंची।
गंगा घाटों पर दीपों का चंद्रहार
शाम से ही गंगा घाटों पर दीपों का चंद्रहार दिख रहा है। अस्सी से राजघाट तक विविध कार्यक्रम हो रहे हैं। लाखों दीपों से घाट जगमगा रहे हैं। सभी 84 घाटों सहित 36 कुंडों की रौनक देखते बन रही है। काशी में सिर्फ घाट ही नहीं बल्कि मकानों, दुकानों और सड़कों पर भी लोग दीप जलाकर देवी देवताओं का स्वागत किया जा रहा है।
घाटों पर जले 12 लाख दीये
भगवान शिव के त्रिशूल पर बसी काशी में उत्तर वाहिनी गंगा के 84 घाट दीये की रोशनी से जगमगाए। इस बार 15 लाख दीये जलाए गए हैं। 12 लाख दीये प्रशासन की ओर से सभी घाटों पर जलाए गए। वहीं घाटों के किनारे रहने वाले लोग और अन्य समितियां ने भी दीये जलाए।