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अल्मोड़ा में स्थापित मां दुर्गा के नौ स्वरूप आखिर क्यों श्रद्धालु व वैज्ञानिकों का है आकर्षण का केंद्र, जाने क्या है मान्यता

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Nirmal Almora अल्मोड़ा में स्थापित मां दुर्गा के नौ स्वरूप आखिर क्यों श्रद्धालु व वैज्ञानिकों का है आकर्षण का केंद्र, जाने क्या है मान्यतानिर्मल उप्रेती (अल्मोड़ा)

सांस्कृतिक नगरी अल्मोड़ा को अष्ट भैरव नौ दुर्गा की नगरी भी कहा जाता है। यहां मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों के नौ मंदिर शहर के चारो ओर स्थापित हैं। इन्ही में से एक ऐसा माँ दुर्गा का मंदिर जो न केवल श्रद्धालुओं को ,बल्कि वैज्ञानिकों को भी अपनी ओर आकर्षित करता है।

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अल्मोड़ा से करीब 10 किमी दूर कसार देवी मंदिर है।  जो काषाय (कश्यप) पर्वत में स्थित है। यहां आने वाले श्रद्धालुओं प्राकृतिक सौन्दर्य के साथ आध्यात्मिक शांति भी मिलती है। इस मंदिर की महत्ता इसी बात से बढ़ जाती है देवी मां के इस मंदिर में ऐसी अद्भुत शक्तियां हैं  बताया जाता है कि मंदिर के आसपास के क्षेत्र वैन एलेन बेल्ट है, जहां धरती के भीतर विशाल भू-चुंबकीय पिंड है। इस पिंड में विद्युतीय चार्ज कणों की परत होती है। जिसे जानने और समझने के लिए लंबे समय से नासा के वैज्ञानिक अध्यन कर रहे हैं। माना जाता है कि यह स्थान दुनिया का तीसरा ऐसा स्थान है, जहां खास चुंबकीय शक्तियां विद्यमान है जो मनुष्य को सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करती हैं। स्वामी विवेकानंद भी 1890 में ध्यान के लिए कुछ महीनों कसार देवी आए थे। 

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कसारदेवी मंदिर की महिमा एवं अपार शक्ति से बड़े-बड़े खगोलीय एवं भू-गर्भ वैज्ञानिक भी हैरान हैं। अल्मोड़ा स्थित कसार देवी मंदिर और दक्षिण अमरीका के पेरू स्थित माचू-पिच्चू व इंग्लैंड के स्टोन हेंग में अद्भुत समानताएं हैं। ये अद्वितीय चुंबकीय शक्ति के केंद्र भी हैं। बता दें कि कसार देवी क्रैंक रिज के लिये भी प्रसिद्ध है। यह स्थान 1960-1970 के दशक में ‘हिप्पी आंदोलन’ का प्रभाव भी इस क्षेत्र में पड़ा था। 

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वही मंदिर से जुड़ी एक पौराणिक मान्यता है कि इसी स्थान से मां भगवती ने शुंभ-निशुंभ दानवों का वध करने के लिए कात्यायनी रूप धारण किया था। मां दुर्गा ने देवी कात्यायनी का रूप धारण करके दोनों राक्षसों का संहार किया था। तब से यह स्थान विशेष माना जाता है।

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