अशोक कुमार, महानिदेशक, अपराध एवं कानून व्यवस्था, उत्तराखण्ड ने प्रदेश में बाहरी संदिग्ध व्यक्तियों के सत्यापन कराये जाने हेतु दिनांक 15 जनवरी 2019 से दिनांक 14 फरवरी 2019 तक एक माह का विशेष अभियान चलाने के निर्देश सभी जनपद प्रभारियों को दिये हैं।अशोक कुमार के मुताबिक सभी जनपद प्रभारियों को अभियान के दौरान विशेषकर आपराधिक किस्म के संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान करने तथा उनका विशेष वाहक के माध्यम से मूल निवास से सत्यापन कराया जाने और बांग्लादेशियों की पहचान होने पर तत्काल नियमानुसार वैधानिक कार्यवाही करने के आदेश जारी किए गए हैं।
अभियान के दौरान शालीनता का परिचय दिये जाने, किसी को अनावश्यक परेशान न किये जाने के निर्देश जारी किये गये हैं। अभियान की जनपद प्रभारियों द्वारा साप्ताहिक समीक्षा की जाये।अशोक कुमार, महानिदेशक, अपराध एवं कानून व्यवस्था, उत्तराखण्ड द्वारा समस्त जनपद प्रभारियों को व्यक्तिगत रूचि लेते हुए उक्त अभियान को सफल बनाये जाने हेतु निर्देशित किया गया है।
गौरतलब है कि पिछले दिनों राजधानी देहरादून के पटेलनगर इलाके में रह रहे बांग्लादेशियों को फर्जी दस्तावेजों के साथ पकड़ा गया था। इसके से पुलिस के एक बार फिर संदिग्धों के सत्यापन का अभियान चला रही है। दरअसल बग्सलादेशियों के पास से बरामद फर्जी दस्तावेजों पर सत्यता अभियानों और सतर्कता पर सवाल खड़े हो गए हैं।
मालूम हो कि पिछले दिनों पकड़े गए बांग्लादेशियों में 30 वर्षीय सैफ उल हसन 19 साल से जबकि 40 वर्षीय नजरुल इस्लाम शहजान 29 सालों से देहरादून में रह रहे थे. हैरानी की बात है कि इनके द्वारा अपने पहचान पत्र से लेकर तमाम फर्जी दस्तावेज भी तैयार कर लिए गए। इससे पुलिस के साथ ही प्रशासन पर भी सवाल खड़े होने लगे हैं। सवाल उठाए जा रहे हैं कि आखिर किस आधार पर बांग्लादेशियों के दस्तावेज बना दिए गए।