देहरादून। जो दिन के उत्तराखण्ड के विशेष सत्र के पहले दिन सिर्फ एक सवाल के कारण हंगामा हो गया। हंगामा बरपा उसका विषय बना डा. भीमराव अम्बेडकर की मूर्ति और दोबारा खाद्यान्ना संदर्भ में कांग्रेस ने वॉक आउट कर दिया।
सरकार की ओर से सदन में कहा गया कि राष्ट्रीय खाद्यान्न योजना के तहत आने वाले गेहूं और चावल का दाम बढ़ा दिए गए हैं। नियम 310 के तहत यह मुद्दा नेता प्रतिपक्ष डा. इन्दिरा हृदयेश, पूर्व खाद्य मंत्री प्रीतम सिंह समेत विपक्ष के कई नेताओं ने उठाया, जिसके कारण हंगामा हुआ। प्रश्नकाल से पहले ही नेता प्रतिपक्ष डा. इन्दिरा हृदयेश ने इस प्रश्न उठाया और कहा कि खाद्यान्न के मामले पर वर्तमान सरकार जनविरोधी नीति अपना रही है।
चीनी पहले से ही बंद कर दी गई,जबकि गेहूं और चावल दोगुने से अधिक महंगे कर दिए गए,जो गरीब के पेट पर लात मारने जैसा है। विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चन्द्र अग्रवाल ने मामले को गंभीरता से देखते हुए इसे नियम 58 में उठाने की अनुमति दी। इस मामले पर विपक्ष के जिन विधायकों ने अपनी आवाज उठाई। उनमें नेता प्रतिपक्ष डा. इन्दिरा हृदयेश के अलावा पूर्व खाद्य मंत्री प्रीतम सिंह करन माहरा, गोविंद सिंह कुंजवाल, काजी निजमुद्दीन जैसे नाम शामिल हैं। डा. इन्दिरा हृदयेश ने जहां इसे गरीबों पर करारी चोट की संज्ञा दी है। वहीं पूर्व गृहमंत्री प्रीतम सिंह ने बताया कि सरकार के इस फसले से 61 लाख 69 हजार से अधिक लोग प्रभावित हो रहा हैं।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने 45 लाख से अधिक खाद्यान्न उपभोक्ताओं के सुविधा को दृष्टिगत रखते हुए केन्द्रीय योजना के साथ-साथ राज्य योजना भी संचालित की थी। उनका कहना था कि इस सरकार की एक माह की उपलब्धि खाद्यान्न रोकना है। करन महरा ने कहा कि डबल इंजन की सरकार ने पहले चीनी में कटौती की और अब राशन पर भी डाका डाल रही है।
काजी निजामुद्दीन ने कहा कि 45.5 लाख प्रभावित परिवारों को सरकार प्रभावित कर रही है और दोनों जिंंसों में शत प्रतिशत बढ़ोत्तरी कर रही है,जो उचित नहीं है। गोविंद सिंह कुंजवाल ने इस मामले पर अपनी विचार रखे तथा कहा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा के तहत गरीबों को प्रहार उचित नहीं है। सरकार की ओर से जवाब देते हुए संसदीय कार्यमंत्री प्रकाश पंत ने समुचित जवाब देते हुए कहा कि विपक्ष अनावश्यक रूप से बात बतंगड़ बना रहा है।
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार गत सरकार की व्यवस्था से अधिक राशन दे रही है। हमने इस योजना से 11 लाख 33 हजार कार्ड धारकों को जोड़ा है। 1 व्यक्ति को केवल 193 रूपए खर्च करने पड़ रहे हैं। विपक्ष और सरकार के मंत्री प्रकाश पंत के जवाब के बाद विधानसभा प्रेमचन्द्र अग्रवाल ने इन सवाल का जवाब देने के लिए कहा लेकिन ऐसा करने से पहले हंगामा होने लगा।