विधानसभा चुनावों में उत्तराखंड में भाजपा को पूर्ण बहुतम मिला। बहुमत हासिल करने के बाद भी अब उनके सामने एक चुनौती खड़ी हो गई है।
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शुरू हुई सीएम की दौड़
भाजपा को बहुमत दिलाने के बावजूद पुष्कर सिंह धामी चुनाव हार गए। हालांकि सीएम की दौड़ में विधायकों में महाराज और धन सिंह का नाम सबसे आगे। जबकि गैर विधायकों में निशंक, बलूनी और अजय भट्ट के नामों की चर्चा है। ऐसे में अब यह सवाल भी उठ रहा है कि यदि केंद्रीय नेतृत्व ने धामी को कमान नहीं सौंपी तो फिर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर पार्टी किसे बैठाएगी।
इन नामों की चर्चा जारी
मुख्यमंत्री के चेहरे के तौर पर विधायकों में से सतपाल महाराज और धन सिंह के नामों की चर्चा है। इससे पहले भी दोनों नाम चर्चा में रहे थे। विधायकों से जुदा यदि पार्टी बाहर से मुख्यमंत्री के चेहरा तलाशती है तो उसके लिए तीन प्रमुख नामों की चर्चा शुरू हो गई है। इनमें पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक, राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी और केंद्रीय रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट के नाम लिए जा रहे हैं।
होली के बाद हो सकती है बैठक
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक उत्तराखंड में विधायक दल की बैठक होली के अगले दिन हो सकती है । जिसमें मुख्यमंत्री के नाम पर मुहर लगेगी। इस दौरान पुष्कर सिंह धामी,समेत कई नेता शामिल रहेंगे।
एक साल में 4 बार सामने आई चुनौती
आपको बता दें कि उतराखंड की राजनीति में बीजेपी ने इस बार दोबारा सत्ता में ना लौटने का पुराना रिकॉर्ड तो तोड़ दिया है। लेकिन मुख्यमंत्री पुष्कर धामी की हार के बाद राज्य में मुख्यमंत्री के चुनाव हारने का रिकॉर्ड नहीं तोड़ पाई। लिहाजा एक साल में चैथी बार बीजेपी के सामने मुख्यमंत्री चुनने की चुनौती आन पड़ी है। सीएम बनने की चाहत में कई नेताओं ने दिल्ली में डेरा डाला हुआ है।
धामी भी पेश कर रहे अपनी दावेदारी
केंद्र के कुछ बड़े नेता चुनाव हार चुके पुष्कर धामी के पक्ष में खड़े हैं, जो उन्हें दोबारा चुनाव लड़ाकर मुख्यमंत्री बनाने का समर्थन कर रहे हैं। तो इस बीच खुद धामी भी इशारों में अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं। पुष्कर सिंह धामी ने कहा, ‘’मैं अपनी सीट पर अपने क्षेत्र में कम जा पाया कम समय दे पाया। मुझे सरकार लाने की जिम्मेदारी दी गई थी। मैंने कभी किसी पद की मांग नहीं की, मुझे जो जिम्मेदारी दी गई थी उसे मैंने पूरा करके दिया है।