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Uttarakhand Political Crisis: यूपी के इन दो अफसरों की वजह से त्रिवेंद्र सिंह रावत की गई कुर्सी

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देहरादून: उत्तराखंड में त्रिवेंद्र सिंह रावत के सीएम पद से इस्तीफे को लेकर कई वजहें बताई जा रही है। इसमें सबसे बड़ी वजह यह है कि त्रिवेंद्र सिंह रावत की कुर्सी कुछ आईएस अफसरों की वजह से चली गई। प्रदेश में बेलगाम अफसरशाही की वजह से त्रिवेंद्र सिंह रावत को सीएम की कुर्सी खाली करनी पड़ी।

मुख्य सचिव की वजह से गई कुर्सी

कहा जा रहा है कि त्रिवेंद्र सिंह रावत की कुर्सी दो आईएसएस अफसरों की वजह से गई, जिसमें पहला नाम राज्य के मुख्य सचिव ओम प्रकाश का है। ओम प्रकाश की नियुक्ती को लेकर प्रदेश बीजेपी में भारी असंतोष थी। कई लोग तो उनके नियुक्ति के विरोध में भी थे।

आईएसएस महिला अधिकारी से भी लोग थे परेशान 

बता दें मुख्य सचिव ओम प्रकाश के अलावा राज्य में एक महिला अधिकारी से भी लोग बेहद परेशान थे, जिन्हें लोग सुपर सीएम कहते थे। आलम यह हो गया था कि कई लोग यहां तक कहते थे कि राज्य में सारे फैसले इन्ही महिला अधिकारी के जरिए ही लिए जाते हैं। हालांकि लोगों ने मामले में त्रिवेंद्र सिंह रावत से दोनों आईएसएस अफसरों की शिकायत की, लेकिन त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा उक्त शिकायत पर कोई एक्शन नहीं लिया गया।

लोग सीएम नहीं हो पाते थे रूबरू

इन दोनों अफसरों के मामले में बीजेपी के एक नेता ने बताया कि त्रिवेंद्र सिंह रावत के आगे पीछे ये दोनों अफसर हमेशा मौजूद रहते थे। लोगों को सीएम से यह अफसर रूबरू नहीं होने देते थे, जिसकी वजह से प्रदेश बीजेपी व कार्यकर्ताओं में भारी असंतोष पैदा हुआ।

प्रदेश बीजेपी ने ही जनता के बीच त्रिवेंद्र की छवि बिगाड़ी

कहा तो ये भी जा रहा है कि प्रदेश बीजेपी के नेता और कार्यकर्ताओं ने ही जनता के बीच त्रिवेंद्र सिंह रावत की छवि बिगाड़ी। पार्टी के कार्यकर्ताओं ने ही त्रिवेंद्र सिंह रावत को जनता के बीच विलेन के रूप में पेश किया। यही नहीं प्रदेश के संगठन के लोगों ने जनता के बीच सीएम की छवि इस रूप में बना दी कि जब सीएम पार्टी कार्यकर्ताओं की नहीं सुनते तो जनता की क्या सुनेंगे।

प्रदेश बीजेपी की गुटबाजी भी जिम्मेदार

बता दें कि प्रदेश बीजेपी की गुटबाजी भी त्रिवेंद्र सिंह रावत की कुर्सी खाली कराने में जिम्मेदार है। मामले में त्रिवेंद्र सिंह रावत के करीबियों का कहना है कि पार्टी के भीतर आंतरिक गुटबाजी की वजह से रावत की कुर्सी गई। इतना ही नहीं राज्य में पार्टी के कई नेताओं की नजर पहले दिन से सीएम की कुर्सी पर लगी थी और वह किसी भी तरह उन्हें हटाने की कोशिश में लगे थे।

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