देहरादून। 240 करोड़ रुपये से भी ज्यादा कहे जाने वाले एनएच घोटाले के मामले को लेकर जहां एक ओर सत्ता धारी भाजपा सरकार ने सीबीआई जांच के आदेश दिए है तो वहीं उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सीबीआई की संस्तुति पर कहा कि तमाम घोटालों की जांच होनी चाहिए। हालांकि उन्होंने सीधे तौर पर सीबीआई की जांच पर अविश्वास जाहिर नहीं किया लेकिन ये जरुर कहा कि जांच उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय के मौजूदा न्यायाधीश की अध्यक्षता में होनी चाहिए।
दरअसल विधानसभा सत्र के दूसरे दिन पूर्व सीएम विधानसभा पहुंचे और लंच ब्रेक के दौरान उन्होंने पत्रकारों से बातचीत की। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ कठोर से कठोर कदम उठाए जाने चाहिए। साथ ही कहा कि भाजपा और कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान जो भी घोटाले सामने आए है उन सभी पर निष्पक्ष रुप से जांच हो।
हाल ही में सत्ता पर काबिज उत्तराखंड की त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार ने 240 करोड़ रुपये के लैंड एक्विजिशन स्कैम का खुलासा किया। ये स्कैम नेशनल हाईवे -74 कांग्रेस सरकार के समय में हुआ था। इस घोटाले के सामने आते ही सरकार ने संदिग्ध भूमिका पाए जाने वाले एसडीएम लेवल के 6 ऑफीशियल्स को सस्पेंड कर दिया है साथ ही मामले की जांच सीबीआई से कराने के लिए केंद्र सरकार को खत भी लिखा है।
जानिए क्या है एनएच घोटाला?
मिली जानकारी के अनुसार उधम सिंह नगर जिले में साल 2011 से 2016 के दौरान प्रपोज्ड एनएच -74 के लिए खेती की जमीन के अधिग्रहण में 240 करोड़ रुपये की अनियमितता सामने आई है। कहा जा रहा है कुछ खास लोगों को फायदा देने के लिए खेती की जमीन को गैर कृषि भूमि दिखाकर मुआवजे की रकम पर 20 गुना फायदा कमाया गया।
इस घोटाले के तहत सवालों के घेरे में आई ज्यादातर जमीन उधम सिंह नगर जिले के जसपुर, काशीपुर, बाजपुर और सितारगंज में हैं। वहीं ये भी कहा जा रहा है कि ये आकड़ा 240 करोड़ के पार भी जा सकता है।