उत्तराखंड में देवस्थान बोर्ड का मामला अब लगातार बढ़ता ही जा रहा है। तीर्थ पुरोहितों द्वारा देवस्थानम बोर्ड एक्ट को रद्द करने की मांग लगातार की जा रही है।
2 सालों से कर रहें हैं आंदोलन
तीर्थ पुरोहित केदारनाथ में पिछले 2 वर्षों से लगातार आंदोलन कर रहे हैं। तीर्थ पुरोहित और पंडा समाज के लोग सरकार से नाराज़गी जाहिर कर रहें हैं और सरकार से नाराज भी चल रहे हैं। तीर्थ पुरोहित और पंडा समाज ने जब सामूहिक रूप से भाजपा की सदस्यता छोड़ने की धमकी दी है तो वहीं अब तीर्थ पुरोहितों ने पीएम मोदी से मदद की गुहार लगाई है।
पीएम को भेजा खून से लिखा पत्र
मामले को बढ़ता देख तीर्थ पुरोहितों को पुरानी परंपराओं को बचाने की गुहार लगाते हुए मामले में हस्तक्षेप करने के लिए प्रधानमंत्री नरंेद्र मोदी को खून से पत्र लिख कर भेजा है।
यह है मामला
गौरतलब है कि यह पत्र अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित युवा महासभा और श्री केदारनाथ धाम के तीर्थ पुरोहित के द्वारा भेजा गया है। पत्र में लिखा गया है कि ‘पुरोहितों के हक, हुकूकों के साथ जबरन खिलवाड़ किया जा रहा है, जो न्यायोचित नहीं है।’ पत्र पर तीर्थ पुरोहितों ने लिखा है कि राज्य सरकार द्वारा देवस्थानम बोर्ड बनाने का कदम सनातन धर्म की पौराणिक परंपराओं के साथ छेड़छाड़ है। इसलिए पीएम मोदी से मामले में दखल देकर बोर्ड को रद्द करने की मांग की है। जिसके लिए पोस्ट के जरीए खून से लिखा पत्र भेजा गया है, साथ ही उन्होंने यह मांग रखी है कि अगर जल्द समस्या का समाधान ना हुआ
तो सभी तीर्थ पुरोहित एक बड़ा आंदोलन करेंगे।