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डॉक्टर साहिबा की हनक? आधा सच और पूरा झूठ ?

WhatsApp Image 2022 04 05 at 10.15.07 AM डॉक्टर साहिबा की हनक? आधा सच और पूरा झूठ ?

देहरादून, आए दिन राजधानी में कभी सत्ता की हनक तो कभी प्रशासन की हनक से तो गूंजती ही रहती है पर इस बार उत्तराखंड की पहाड़ियां एक डॉक्टर की हनक से हिलती नजर आ रही हैं।  मामला तो आपको पता होगा ही एक आई. ए .एस अधिकारी की पत्नी व सरकारी डॉक्टर मैडम का हाई वोल्टेज ड्रामा आज कल सुर्खियों में हैं। जो पिछले 2-3 दिन से चल रहा है। इस ट्रायल में मजेदार बात ये है की सब कुछ “एक तरफा” देखा और दिखाया जा रहा हैं।

 चलिए समझते है किस्सा क्या है। इस हनक ओर हुंकार का।

मैडम के कई इंटरव्यू देखे मैडम ने खुद कहा कि वो डॉक्टर प्रोटोकॉल के तहत किसी के घर नहीं जाती मरीज देखने।

 मैडम मतलब मरीज मर जाए पर आप किसी का इलाज नही करेंगी। आपकी ईगो इतनी बड़ी है कि आपको कोई कुछ कह ही नहीं सकता। और कोई कुछ कह देगा तो आप मरीज को मरता हुआ छोड़ आएंगे।

सुना था डॉक्टर भगवान से कम नहीं होता पर मरीज को बिना इलाज के मरता हुआ छोड़ आए ये भगवान कैसा है।

चलिए ये भी छोड़िए साहब डॉक्टर का प्रोटोकाल होता है तो मरीज का भी कोई अधिकार होता हैं। शायद अगर बिना इलाज के मरीज को मरता हुआ छोड़ दिया जाए   तो मरीज अपनी दरकार /रिक्वेस्ट/अर्जी/कहाँ लगाए की कोई उसकी भी सुनवाई कर सके। एक सीनियर डॉक्टर अपने आला रसूक की घमंड में एक मरीज को मरता हुआ छोड़ आए।  

माना आई. ए .एस की पत्नी घमंडी थी, तो डॉक्टर मैडम भी तो आई .आर. एस अधिकारी की पत्नी हैं। हनक और हुंकार से भरपुर दोनों पक्षो में पिसा कौन “एक मरीज “। जैसे हर बार होता है। बड़े-बड़े अस्पतालों में हुजूर, साहब, सर , मैडम प्लीज जैसी आवाजें सुनाई देती है। उन मरीजो की जिनको हनक और घमंड में रहने वाले डॉक्टर साहब देखते नहीं  (हम सब डॉक्टरों की बात नहीं कर रहे है। केवल उन डॉक्टरों की बात हो रही है। (जो मरीजों को कीड़ा मकोड़ा समझकर बिना इलाज किए छोड़ देते हैं।)

ये सारा मामला है उत्तराखंड का जहां दून मेडिकल कॉलेज की सीनियर डॉक्टर निधि उनियाल स्वास्थ्य सचिव डॉ. पंकज पांडेय की बीमार पत्नी को देखने उनके घर गई थीं। वहां डॉक्टर निधि व स्वास्थ्य सचिव डॉ पंकज पांडेय की बीमार पत्नी में कहा सुनी हो गई पर  क्या कहना- सुनना हुआ ये कोई नहीं जानता। एक तरफा स्टेटमेंट पर पूरा ट्रायल प्रचार प्रसार हो रहा है। 

हमारे रिपोर्टर  ने स्वास्थ्य सचिव  से संपर्क साधा तो उनका कहना था जांच के आदेश दिए है सच सबके सामने आ जाएगा। मेरी पत्नी की तबियत बात करने की स्थिति में नहीं है। तबीयत ठीक होते ही वह अपना पक्ष रखेंगी ।  

डॉक्टर साहिबा की हनक और पकड़ देखिए कि 24 घंटे के अंदर ही उनके तबादले के आदेश को मुख्यमंत्री ने निरस्त कर दिया गया। 

इस पूरे मामले में मरीज वहीं का वहीं है। उसकी सुनने वाला कोई नहीं डॉक्टर साहिबा की हनक जीत गई। लेकिन मानवता ने यहां दम तोड़ दिया। आपको बता दें जब ये पूरा मामला चल रहा था, तब स्वास्थ्य सचिव सरकारी कामों में व्यस्त थे। उन्हें जरा भी अंदाजा नहीं था कि उनकी पत्नी के साथ भी ऐसा कुछ हो सकता है।

इस पूरे मामले के मीडिया में आने के बाद हड़कंप मच गया। मरीज को सब भूल गए मामले को मीडिया में फैलाया गया। ऐसे में धरती पर भगवान कहे जाने वाले डॉक्टर ने अपने पेशे पर प्रश्नचिन्ह लगाया है। और बाकी डॉक्टरों के सामने गलत नजरिया पेश किया है। क्योंकि मरीज से बढ़कर एक डॉक्टर के लिए कुछ नहीं होता।

IRS  हैं डॉक्टर साहिबा के पति

इस पूरी कहानी में डॉक्टर साहिबा का रसूख साफ दिखाई दे रहा है। एक तरफ मरीज के पति IAS हैं तो दूसरी तरफ डॉक्टर साहिबा के पति IRS है। साफ है कि अपनी हनक का इस्तेमाल करते हुए डॉक्टर साहिबा ने मरीज को मरता छोड़ दिया। 

इन सवालों के जवाब कौन देगा यदि मरीज के साथ कोई आप्रिय घटना घट जाती?

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