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अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना बनी वरदान, लाखों मरीजों का हुआ मुफ्त में इलाज

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उत्तराखंड सरकार की अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना वरदान साबित हो रही है। अस्पतालों के लाखों रुपये के खर्च से डरकर लोग बेहतर इलाज कराने से डरते थे। लेकिन अब उत्तराखंड सरकार की इस योजना से लोगों को अच्छा इलाज मिल रहा है।

अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना बनी वरदान

अक्सर लोगों को अस्पतालों में इलाज कराने के लिए कर्ज के बोझ तले दबना पड़ता है। आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण लोगों की जमा पूंजी भी खर्च हो जाती है। इलाज कराते-कराते लोग अपनी जमीन जायदात तक गिरवी रख देते हैं। ऐसे लोगों के लिए उत्तराखंड सरकार की अटल आयुष्मान योजना वरदान साबित हो रही है। अस्पतालों के लाखों रुपये के खर्च से डरकर लोग बेहतर इलाज कराने से डरते थे। लेकिन अब उत्तराखंड सरकार की इस योजना से जहां लोगों को अच्छा इलाज मिल रहा है तो वहीं इलाज कराने के लिए जमीन-जायदात बेचने की भी जरूरत नहीं पड़ रही है।

5 लाख रुपये तक मुफ्त में हो रहा इलाज  

अटल आयुष्मान योजना की शुरुआत उत्तराखंड सरकार की ओर से राज्य के लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं आसानी से प्रदान करने के लिए की गयी है। इस योजना के अंतर्गत उत्तराखड राज्य के गरीब परिवारों को 5 लाख रूपये तक की निःशुल्क चिकित्सा सुविधा सरकार की ओर से उपलब्ध कराई जा रही है। इस योजना के अंतर्गत 175 सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में राज्य के नागरिको को 5 लाख रूपये तक का निशुल्क इलाज दिया जा रहा है।

27 हजार से ज्यादा कैंसर मरीजों का मुफ्त इलाज

Atal Ayushman Yojana के माध्यम से उत्तराखंड में कैंसर जैसी बीमारी के मरीजों को निशुल्क इलाज प्रदान किया जाएगा। अब तक इस योजना के माध्यम से 27 हजार से ज्यादा कैंसर मरीजों का मुफ्त इलाज किया जा चुका है। जिसके लिए सरकार की ओर से 50 करोड़ रुपए से अधिक की राशि खर्च की गई है। अब तक इस योजना के अंतर्गत 44 लाख से ज्यादा लाभार्थियों के गोल्डन कार्ड बनाए गए हैं। अब हम आपको बताएंगे कि अटल आयुष्मान योजना की शुरुआत कब से हुई और इसका लाभ आपको कैसे मिल सकता है।

अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना

उत्तराखण्ड राज्य के समस्त परिवारों को बीमारी के ईलाज के लिए अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना की शुरुआत की गई। अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना प्रदेश के समस्त परिवार के लिए बीमारी के दौरान कैशलेस इलाज के लिए 25 दिसंबर 2018 को शुरू हुई थी। इसके अन्तर्गत अस्पताल में भर्ती होने पर हर साल हर परिवार को 5 लाख रुपये तक का निःशुल्क इलाज उपलब्ध कराया जा रहा है। इस योजना का लाभ लेने के लिए प्रत्येक लाभार्थी को एक आयुष्मान कार्ड दिया गया है। जिसके आधार पर बीमारी के दौरान लाभार्थी को अस्पताल में भर्ती होने पर योजना के समस्त लाभ मिल सकें।

102 सरकारी और 125 प्राइवेट अस्पतालों में मिलेगा लाभ

योजना के लाभ के लिये प्रदेश में 102 सरकारी एवं 125 निजी चिकित्सालयों को सूचीबद्ध किया गया है। लाभार्थियों को आयुष्मान कार्ड दिये जाने कि व्यवस्था राज्य के अन्तर्गत संचालित हो रहे सभी जन सेवा केंद्रों एवं UTITSL पर उपलब्ध है। योजना के अन्तर्गत सूचीबद्ध अस्पतालों में नियुक्त किये गये ‘आरोग्य मित्र द्वारा भी कार्ड बनाए जाते हैं। कार्ड बनाते समय लाभार्थी का नाम और परिवार के मुखिया का विवरण देना अनिवार्य होता है।

किस-किस डॉक्यूमेंट्स की जरूरत?  

इस योजना का लाभ लेने के लिए राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अन्तर्गत निर्गत राशन कार्ड का डेटाबेस जिसमें 23 लाख परिवार सम्मिलित हैं। मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना के अन्तर्गत निर्गत कार्ड का डेटाबेस जिसमें 12 लाख परिवार सम्मिलित हैं। वहीं सामाजिक, आर्थिक एवं जातीय जनगणना 2011 के डाटाबेस जिसमें 20 लाख परिवार सम्मिलत हैं। लाभार्थी परिवार का नाम डाटाबेस में उपलब्ध होने पर राशन कार्ड परिवार रजिस्टर की कॉपी और Individual ID की आवश्यकता होती है। आयुष्मान कार्ड बनवाने के लिए अगर परिवार के किसी सदस्य का कार्ड पहले से ही बना हुआ है तो कार्ड या उसका नम्बर और अधार कार्ड साथ रखें।

आरोग्य मित्र” की ले सकते हैं सहायता

इमरजेंसी की अवस्था में लाभार्थी किसी भी सूचीबद्ध चिकित्सालय में भर्ती हो सकते हैं। सामान्य बीमारी में सरकारी अस्पताल या वहीं से अन्य अस्पताल में रैफरल के माध्यम से इलाज की सुविधा दी जा रही है। अस्पताल में भर्ती के समय लाभार्थी संबंधित सूचीबद्ध अस्पताल में तैनात “आरोग्य मित्र” की सहायता ले सकते हैं।

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