दहरादून।। उत्तराखंड भूकम्प की दृष्टि से अत्यंत संवेदनशील है। पूरा प्रदेश भूकम्प की श्रेणी में 4,5 जोन में आता है। प्रदेश में छोटे तथा मध्य श्रेणी के भूकम्प बता रहे हैं कि इस क्षेत्र में भूकम्पीय गतिविधियां बढ़ रही है। यह बात सही है कि भूकम्प किसी को नही मरता, मारती है तो कमज़ोर अवसंरचनाएँ।
भूकम्प से होने वाले नुकसान को कम करने के लिए उत्तराखंड में भूकम्प सुरक्षा के की दृष्टि से बीते सालों में कईं कार्य उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (USDMA) द्वारा कई राष्ट्रीय एवं अंतराष्ट्रीय परियोजनाओं के तहत पूरी हुईं हैं और कुछ परियोजनाएं वर्तमान में जारी हैं जिसमें से राज्य में भूकम्प जोखिम का ब्लाक स्तर तक आंकलन किया गया है। जिससे भविष्य में होने वाले नुकसान का विभिन्न सेक्टरों में मूल्यांकन किया गया है। प्रदेश में लगभग 18000 सरकारी भवनों की रैपिड विसुअल स्क्रीनिंग (RVS) की गई है जिसके आधार पर भवनों की घातकता को विभिन्न श्रेणियों में बांटा गया है। यह डेटा सभी लाइन विभागों को सुनियोजित तरीके से भुकम्प सुरक्षित बनाने के लिए उपलब्ध कराया गया है। वर्तमान में 90 अस्पतालों की रेट्रोफिटिंग का कार्य भी सुरक्षित बनाये जाने के लिए उपलब्ध भी कराया गया है। वर्तमान में 90अस्पतालों की रेट्रोफिटिंग DPR का कार्य भी निश्चित किया गया है। चरणबद्ध तरीके से इन भवनों की रेट्रोफिटिंग का कार्य भी किया जा रहा है।
उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा भूकम्प अवरोधी निर्माण शैली को बढ़ावा देने के उद्देश्य से क्षमता विकास के कार्यक्रमों पर अधिक बल दिया गया है जिसमे तकनीकी संस्थानों जैसे-IIT Roorkee, CBRI Roorkee के साथ मिल कर राजमिस्त्री प्रशिक्षण, इंजीनर्स ट्रेनिंग कार्यक्रम कराये गए है, एवं विभिन्न निर्माणदायी संस्थाओं में उक्त विषय के लिए जनजागरूकता को बढ़ावा दिया गया है।
बेहतर आपदा अवरोधी निर्माण शैली और बेहतर निर्माण कार्य तकनीक का इस्तेमाल कर के हम भूकम्प से होने वाले नुकसान को कम कर सकते है जिसके लिए उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबंधन प्रधिकरण भारत सरकार के सहयोग से धरातल पर कार्य कर रहा है। वर्तमान में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण भारत सरकार एवं उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के समन्वय राज्य में दो परियोजनाएंजारी हैं जिसमें से नेशनल सिस्मिक रिस्क मिटिगेशन परियोजना ( NSRMP ) उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण द्वारा सभी लाइन विभागों जैसे रूरल वर्क विभाग, रेवेन्यू आदि के साथ सामंजस्य स्थापित कर के परियोजना के विभिन्न कंपोनेंट्स में किया जा रहा है। USDMA की देख रेख में प्रतिपादित किये जा रहे इन कार्यों में विभागों के भवनों का रेट्रीफिटिंग किये जाने तथा राज्य के संवेदनशील पुलों का रेट्रोफिटिंग तथा डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाए जाने का कार्य गतिमान है।
वर्तमान में भारत सरकार एवं उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सामंजस्य से पायलट प्रोजेक्ट जिसमे भूकम्प की दृष्टी से संवेदनशील इमारतों की रेट्रीफिटिंग की जानी प्रस्तावित है। जिनमे ग्रामीण विभाग के सहयोग से विभिन्न कार्यों को किया जाना है। जिसमे 5 सरकारी भवनों की रेट्रोफिटिंग, 15 भवनों का स्ट्रक्चरल सेफ्टी का कार्य सी बी आर आई रुड़की को सौंपा गया है। तथा परियोजना के अंतर्गत मॉडल रूप में 5 भवनों की रेट्रोफिटिंग किया जाना एवं टेक्निकल डेमोनस्ट्रेशन यूनिट को आंगनवाड़ी सेन्टर के रूप में स्थापित किया जाना प्रस्तावित है जिसके माध्यम से राज्य में सिविल कंस्ट्रक्शन कार्यक्रम,राज्य मिस्त्री प्रशिक्षण,लैब वर्क आदि किया जाए ताकि भूकम्प की दृष्टी से अति सवेंदनशील राज्य उत्तराखंड के तहत होने वाले कार्यों का क्रियान्वयन कर रहे विभागों ,इंजीनियर्स का क्षमता विकास हो सके एवं भूकम्प अवरोधी निर्माण शैली को बढ़ावा मिले।