उत्तराखंडः साल 2013 की आपदा के बाद हाईकोर्ट ने सरकार को और पुलिस विभाग को यह फरमान सुनाया था कि अभी भी जो लोग आपदा के वक्त से लापता है उनकी तलाश के लिए सरकार क्या कदम उठा रही है। हालांकि हाईकोर्ट ने यह निर्देश 2 साल पहले दिया था लेकिन समय-समय पर कोर्ट एक जनहित याचिका पर सरकार को याद दिलाता रहता है कि उसकी जिम्मेदारी क्या है और जो लोग लापता है उनके लिए सरकार क्या कदम उठा रही है। इसी कड़ी में पुलिस विभाग ने 5 आईपीएस अफसरों की एक टीम बनाकर अब केदारनाथ के उस ट्रैक पर भेजी है।जहां पर अब तक कंकाल ओं की खोज नहीं हो पाई है।
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इसी कड़ी में एक दल आज रुद्रप्रयाग से केदारनाथ के लिए रवाना होगा। हालांकि यह टीम पिछले साल भी केदारनाथ के ट्रैक पर रवाना हुई थी। लेकिन उसमें आईपीएस अधिकारियों की टीम नहीं थी लिहाजा एसडीआरएफ और दूसरे जवानों को यह काम सौंपा गया था। लेकिन इस बार सरकार को जैसे ही हाईकोर्ट का आदेश प्राप्त हुआ वैसे ही हाईकोर्ट ने पुलिस विभाग से इस संबंध में अभियान चलाने के लिए कहा इस अभियान को लीड रुद्रप्रयाग की एसपी तृप्ति भट्ट कर रही हैं।
आपको बता दें कि यह टीम अब उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले के अलग-अलग पहाड़ों पर जाकर लगभग 5 से 6 दिनों तक नर कंकालों की खोज करेगी। और उसके बाद अपनी रिपोर्ट शासन को सौंप पाएगी। हालांकि इस टीम को यह निर्देश दिए गए हैं कि अगर कोई नर कंकाल वहां पर मिलता है तो उसका डीएनए टेस्ट करवाकर उसका अंतिम संस्कार तत्काल प्रभाव से किया जाए।
मौसम की खराबी और पहाड़ी इलाकों में हो रही बर्फबारी की वजह से इस टीम को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है लिहाजा अपने साथ ऐसे लोगों को भी ले जा रहे हैं जो इन परिस्थितियों से निपटने के लिए माहिर होते हैं।एडीजी अशोक कुमार ने बताया कि टीम में एसपी तृप्ति भट्ट एसपी प्रह्लाद मीणा एसपी लोकेश्वर सिंह एसपी मंजूनाथ और अजय सिंह शामिल है।सभी को अलग-2 एरिया दिए गए हैं।