देहरादून: उत्तराखंड को केंद्र से खाद्यान्न ट्रांसपोर्टेशन धनराशि मिलने में अब अड़ंगा नहीं लगेगा। राज्य सरकार ने खाद्यान्न ढुलान दरें (शिड्यूल ऑफ रेट) तय कर दी हैं। प्रस्ताव को मंजूरी के लिए केंद्र को भेजा गया हैं। इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद प्रदेश को केंद्र से वास्तविक दरों पर ढुलाई भाड़ा मिल सकेगा।
राज्य को नहीं मिल रहा वास्तविक खर्च
उत्तराखंड में लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के खाद्यान्न के ढुलान पर होने वाला वास्तविक खर्च राज्य को प्राप्त नहीं हो रहा हैं। इसकी वजह राज्य की विषम भौगोलिक परिस्थितियां हैं। पर्वतीय क्षेत्रों में खाद्यान्न के बेस गोदामों से आंतरिक गोदामों और फिर आंतरिक गोदामों से सस्ते गल्ले की दुकानों (FPS) तक खाद्यान्न ढुलान की दरें मैदानी इलाकों की तुलना में ज्यादा है। प्रदेश में आधा दर्जन बेस गोदाम कोटद्वार, ऋषिकेश, विकासनगर, टनकपुर, हल्द्वानी और रामनगर में है।
197 गोदाम, 9225 FPS
इन बेस गोदामों से प्रदेशभर के आंतरिक 197 गोदामों में सरकारी सस्ते खाद्यान्न को पहुंचाया जाता हैं। इन गोदामों से 9225 FPS तक ये खाद्यान्न भेजा जाता हैं। राज्य सरकार खाद्यान्न यानी गेहूं और चावल का ढुलान खरीद केंद्रों से मिलों या भारतीय खाद्य निगम के गोदामों तक करती है। इसके बाद बेस गोदामों में खाद्यान्न भेजने की व्यवस्था होती है। अभी तक राज्य में विधिवत खाद्यान्न ढुलान के लिए SOR तय नहीं किए गये। इसके कारण प्रदेश को ढुलान की वास्तविक दरों के स्थान पर केंद्र की ओर से एकमुश्त ढुलान भाड़े का भुगतान किया जाता रहा हैं। अब यह राशि तकरीबन 55 से 60 रूपए प्रति कुंतल की दर से राज्य को दी जा रही हैं।
केंद्र ने दिए थे एसओआर के निर्देश
राज्य की ओर से ढुलान पर होने वाले वास्तविक खर्च की मांग करने पर केंद्र ने SOR तय करने के निर्देश दिये थे। खाद्य सचिव की अध्यक्षता में गठित राज्य स्तर कमेटी ने ये एसओआर तय कर दिया हैं। अब इसे केंद्र की मंजूरी मिलने का इंतजार किया जा रहा हैं। केंद्र सरकार से इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद खाद्य विभाग बेस गोदामों से आंतरिक गोदामों और वहां से FPS तक खाद्यान्न ढुलान की दरें तय करने के लिए टेंडर आमंत्रित करेगी।
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